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‘राष्ट्र विरोधी कविता’ लिखने वाली छात्रा को परीक्षा में शामिल होने की इजाजत, पेरेंट्स ने CM से की थी गुजारिश

गुवाहाटी

असम की एक लोकल अदालत ने जेल में बंद 19 वर्षीय छात्रा को परीक्षा में भाग लेने की इजाजत दे दी है। इस छात्रा को प्रतिबंधित यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट (ULFA-I) का समर्थन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसे दो महीने की जेल हुई। इसने फेसबुक पर कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी कविता भी लिखी थी। छात्रा के वकील ने बताया कि परीक्षा में शामिल होने की मांग को लेकर कोर्ट को पत्र लिखा गया था, जिसे मंजूरी मिल गई है। इस मामले पर ध्यान तब गया जब उसके माता-पिता ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को पत्र लिखा, जिसमें परीक्षा में शामिल होने के लिए रिहाई की अपील की गई। मुख्यमंत्री सरमा ने गुरुवार को कहा था कि कॉलेज की छात्रा बरसश्री बुरागोहेन को उल्फा (आई) में शामिल होने की इच्छा रखने के लिए गिरफ्तार किया गया है, न कि राष्ट्र-विरोधी कविता लिखने के लिए। उनकी यह टिप्पणी छात्रा की रिहाई के लिए लोगों के विरोध के बीच आई। सरमा ने कहा था कि अगर उसके माता-पिता यह जिम्मेदारी लेते हैं कि वह आतंकवादी समूह में शामिल नहीं होगी, तो उसे रिहा कर दिया जाएगा।

CM सरमा बोले- मानव बम के तौर पर लौटती
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अगर वह उल्फा (आई) में शामिल हो जाती है, तो वह मानव बम के तौर पर लौटेगी और राज्य के आम लोगों की जान लेगी। सरमा ने कहा, "वह हमारी बेटी है। हम उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं। हम अब भी उससे बात कर रहे हैं। उसे परीक्षा देने दें और इंटरव्यू में शामिल होने दें। उल्फा में 42 युवकों की मौत हो चुकी है। अगर कोई उसे उल्फा में मौत की सजा दे तो क्या होगा?"

कविता लिखने के लिए नहीं हुई गिरफ्तारी: पुलिस
असम पुलिस प्रमुख भास्कर ज्योति महंत ने बुधवार को बताया कि बुरागोहेन को कविता लिखने के लिए गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, "हमें पता चला कि वह उल्फा-आई में शामिल होना चाहती है। साथ ही दूसरों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करती है। ऐसे में यह सामान्य मामला नहीं रहा, इसलिए उसे गिरफ्तार किया गया। बेहतर होगा कि वह उल्फा में शामिल होने के बजाय जेल में ही रहे।"

 

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