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गुजरात के जीवनदायिनी सरदार सरोवर का जलस्तर 138.68 मीटर के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचा

नर्मदा | गुजरात की जीवन रेखा नर्मदा योजना के सरदार सरोवर बांध का जलस्तर अपने उच्चतम स्तर यानी 138.68 मीटर पर पहुंच गया है। इसके परिणामस्वरूप जलाशय में 4.73 मिलियन एकड़ फुट अर्थात 5.76 लाख करोड़ लीटर पानी का भंडारण हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल गुरुवार सुबह एकता नगर पहुंचकर सरदार सरोवर बांध का जलस्तर 138.68 मीटर की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचने की गौरवपूर्ण घटना में शामिल हुए और मां नर्मदा के नीर का स्वागत किया। उल्लेखनीय है कि सरदार सरोवर नर्मदा बांध 2019 और 2020 के बाद इस वर्ष तीसरी बार अपनी पूर्ण भराव क्षमता को पार करते हुए छलक गया है। एकता नगर में ‘नमामि देवी नर्मदे’ के मंत्रोच्चार के साथ आयोजित नर्मदा महोत्सव में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मां नर्मदा के जल का श्रीफल और चुनरी से स्वागत किया। इस वर्ष हुई व्यापक वर्षा के चलते नर्मदा बेसिन और बांध में पानी की भरपूर आवक हुई है। पानी की इस आवक के चलते राज्य के गांवों, नगरों और शहरों में आगामी गर्मी के मौसम तक पर्याप्त पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा और राज्य को पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा। इतना ही नहीं, अब नर्मदा कमांड क्षेत्र के सभी गांवों के किसानों को रबी फसलों की सिंचाई के लिए नर्मदा का पर्याप्त पानी मिलेगा। इसके अलावा, नर्मदा बांध में पानी की बंपर उपलब्धता के कारण सौराष्ट्र क्षेत्र में सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण सिंचाई योजना (सौनी योजना) तथा उत्तर गुजरात में सुजलाम सुफलाम सहित अन्य उद्वहन योजनाओं के लिए फिलहाल नर्मदा का पानी दिया जा रहा है। गुजरात के 9104 गांवों, 169 शहरों और 7 महानगर पालिका सहित राज्य की 4 करोड़ से अधिक आबादी को पेयजल के रूप में नर्मदा का नीर पहुंचाया जा रहा है। इतना ही नहीं, 63,483 किलोमीटर लंबाई वाली नहरों का निर्माण काम पूरा हो गया है, इसके फलस्वरूप कच्छ सहित राज्य के 17 जिलों की 78 तहसीलों की 16.99 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई की सुविधा मिल रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा और राज्य सरकार के इंजीनियरिंग कौशल से हाल ही में नर्मदा मैया का पावन जल केवड़िया-एकता नगर से 743 किलोमीटर की यात्रा तय करते हुए कच्छ के सुदूर मोडकूबा क्षेत्र तक पहुंचा है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में देश का नेतृत्व संभालने के केवल 17 दिनों के भीतर ही बहुउद्देशीय सरदार सरोवर नर्मदा बांध को उसकी पूर्ण ऊंचाई तक ले जाने की मंजूरी देकर गुजरात की बरसों पुरानी समस्या को समाप्त किया और राज्य को एक उज्ज्वल भविष्य की दिशा दी थी। राज्य सरकार ने भी मंजूरी मिलने के दिन से ही कार्य की शुरुआत कर नर्मदा बांध को उसकी अधिकतम ऊंचाई तक पहुंचाने का कार्य नियत समय से 7 महीने पहले ही पूरा कर लिया था। इस बहुउद्देशीय योजना को प्रधानमंत्री ने 17 सितंबर, 2017 को राष्ट्र को समर्पित किया था। वर्ष 2019 में नर्मदा बांध के 138.68 मीटर की पूर्ण ऊंचाई तक भरने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नर्मदा के नीर का स्वागत किया था। 2020 में भी बांध अपने पूर्ण स्तर तक भर गया था और अब 2022 में जब तीसरी बार बांध का जलस्तर 138.68 मीटर की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचा, तो मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने नर्मदा मैया की पूजा-अर्चना कर नर्मदा के नीर का स्वागत किया। नर्मदा जल के स्वागत अवसर पर राज्य मंत्री जीतू चौधरी, सांसद मनसुख वसावा, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के. कैलाशनाथन, मुख्य सचिव पंकज कुमार तथा सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक जेपी गुप्ता सहित कई पदाधिकारी और अधिकारी मौजूद रहे।

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