तीसरी लहर में रोजाना चार लाख केस मिलने की आशंका नहीं, राहत की खबर!
नई दिल्ली
विशेषज्ञों की राय में भारत में इस समय कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के साथ-साथ कोरोना की तीसरी लहर जारी है। रोज नए मामले आ रहे है, ठीक इसी दौरान रोजाना रिकवरी भी हो रही है। इसी बीच एक्सपर्ट ने बताया है कि कोरोना की स्थिति के नवीनतम विश्लेषण से पता चलता है कि भारत में तीसरी लहर का पीक 23 जनवरी के आसपास पहुंचेगा, लेकिन रोजाना मामले के चार लाख को पार करने की संभावना नहीं है। दिल्ली, मुंबई पहले ही जनवरी के दूसरे सप्ताह में अपने पीक पर पहुंच चुके हैं।
दरअसल, कोरोना महामारी की शुरुआत से ही इसके आंकड़े और संख्या पर काम कर रहे 'कोरोना ट्रैकर के सूत्र मॉडल' के शोधकर्ताओं में से एक, आईआईटी के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने ताजा अध्ययन के नतीजे जारी किए हैं। इसमें अनुमान जताया गया है कि तीसरी लहर के दौरान रोजाना चार लाख से ज्यादा केस आने की आशंका नहीं है। उन्होंने बताया कि कोरोना का परिभ्रमण पथ (trajectories) पूरे देश में बदल चुका है। इसकी दो वजह भी बताई गई है।
धीमा पड़ा ओमिक्रोम
अग्रवाल के मुताबिक एक तो कमजोर इम्युनिटी वालों में ओमिक्रॉन का फैलाव धीमा पड़ चुका हो और दूसरा इसकी चपेट में आने वाला संभावित आबादी समूह में यह फैल चुका हो। उन्होंने यह भी बताया कि पीक वह अवस्था होती है, जिस दिन किसी शहर, राज्य या देश में सर्वाधिक कोरोना संक्रमित मिलते हैं और उसके बाद रोजाना नए मामलों की संख्या कम होने लगती है।
रोजाना नए मामलों की संख्या कम
इसी प्रकार तीसरी लहर के पीक को लेकर राज्यवार आंकड़े देते हुए उन्होंने बताया कि मुंबई 12 जनवरी को अपने पीक पर पहुंच गई थी और संख्या अब तेजी से घट रही है। दिल्ली 16 जनवरी को और कोलकाता 13 जनवरी को पीक पर थी। बेंगलुरु 22 जनवरी को अपने पीक पर पहुंच जाएगा। इसके अलावा महाराष्ट्र, गुजरात और यूपी 19 जनवरी को, असम के 26 जनवरी को पीक पर पहुंचने की भविष्यवाणी की गई है।
प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने के मामले इस बार कम है। मैं समझता हूं कि उत्तर प्रदेश में एक प्रतिशत से भी कम मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हुई है। फिलहाल देश ने मंगलवार को 2.38 लाख मामले दर्ज किए, जो कुछ दिन पहले 2.6 लाख के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद लगातार कम हो रहे हैं।