देश

76 हजार रुपये में केदारनाथ के लिए बुक कराए टिकट, हेलीपैड पर पता चला कि टिकट हैं फर्जी

देहरादून
केदारनाथ जाने के लिए हेली सेवा के नाम पर साइबर ठग ने एक व्यक्ति से 76 हजार रुपये ठग लिए। रायपुर थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। आइटी पार्क निवासी शशांक जैन ने बताया रायपुर थाने में तहरीर दी है कि उन्हें केदारनाथ जाना था। वह फाटा से केदरानाथ तक हेली सेवा से जाना चाहते थे। टिकट बुक करवाने के लिए उन्होंने उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर हेली सेवा उपलब्ध करवाने वाली कंपनियों के नंबर तलाश किए। इस दौरान उन्हें लेवनेल सोल्यूशन के नाम से एक लिंक दिखा। लिंक खोलने पर उसमें दिए नंबर पर संपर्क किया तो फोन रिसीव करने वाले व्यक्ति ने अपना नाम राज बताया और हेली सेवा टिकट बुक करने का आश्वासन दिया।

उसने शिकायतकर्ता सेफाटा से केदारनाथ तक छह टिकट बुक करने की एवज में 76 हजार रुपये मांगे। शिकायतकर्ता ने आरोपित के दिए बैंक खाते में उक्त रकम ट्रांसफर की। इसके बाद आरोपित ने वाट्सएप के माध्यम से टिकट भेज दिए। टिकट लेकर जब वह हेलीपैड पर पहुंचे तो पता चला कि टिकट फर्जी हैं। रायपुर थानाध्यक्ष मनमोहन सिंह नेगी ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

फेसबुक पर दोस्ती कर एक लाख 20 हजार रुपये ठगे
खुद को विदेशी महिला बताकर भारत घूमने की बात कहकर साइबर ठग ने एक व्यक्ति से एक लाख 20 हजार रुपये की ठगी कर ली। राजपुर थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। कुल्हान निवासी चंद्र सिंह नेगी ने पुलिस को बताया कि 16 जनवरी को उन्हें मारिया जार्ज नाम से फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। महिला ने खुद को लंदन निवासी बताया और कहा कि वह कार्निवाल शिप में कैप्टन के पद पर तैनात है। इसके बाद महिला पीड़ि‍त से वाट्सएप पर बात करने लगी और विश्वास जताने के लिए अपनी कुछ फोटो भी भेजी। 24 मई को महिला ने बताया कि उसका शिप लंदन पहुंचने वाला है और इसके बाद वह भारत घूमने आ रही है। 29 मई को महिला ने उन्हें फ्लाइट का टिकट व इंडियन वीजा की फोटो भी भेजी।

30 मई को चंद्र सिंह नेगी को फोन आया। फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को मुंबई एयरपोर्ट से कस्टम अधिकारी बताया और कहा कि मारिया जार्ज नाम की महिला आई हुई है। कस्टम क्लीयरेंस के लिए 50 हजार रुपये जमा करने पडेंगे। इसके बाद फिर उन्हें फोन आया कि महिला के पास से डिमांड ड्राफ्ट है, जिसकी भारतीय कीमत 50 लाख के करीब है। इसके लिए 70 हजार रुपये जमा करवाने पड़ेंगे। उक्त रकम देने के बाद उन्हें फिर से फोन आया। इसके बाद शातिर ने अधिवक्ता की फीस के नाम पर 30 हजार रुपये और मांगे, जिसे देने से पीडि़त ने मना कर दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button