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‘राष्ट्र विरोधी’ कौन, कानून में नहीं है कोई परिभाषा; सरकार ने संसद को बताया

नई दिल्ली

सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि कानूनों के अंतर्गत 'राष्ट्र विरोधी' शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है, लेकिन आपातकाल के दौरान सबसे पहले 1976 में संविधान में इसे शामिल किया गया और फिर एक साल बाद हटा भी दिया गया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एआईएमआईएम के नेता और हैदराबाद से लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। ओवैसी ने सवाल किया था कि क्या उच्चतम न्यायालय ने 'राष्ट्र विरोधी' गतिविधियों से संबंधित अपराधों से निपटने के लिए कोई दिशानिर्देश तय किए हैं?

राय ने कहा, ''कानूनों के अंतर्गत 'राष्ट्र विरोधी' शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है।''उन्होंने कहा कि संविधान (42वां संशोधन) अधनियम, 1976 के तहत इसका उल्लेख किया गया था और आपातकाल के दौरान अनुच्छेद 31 डी के तहत 'राष्ट्र विरोधी गतिविधि' को परिभाषित किया गया। इसके बाद संविधान (43वां संशोधन) अधिनियम, 1977 के तहत अनुच्छेद 31डी को हटा दिया गया।

ओवैसी ने यह भी सवाल किया था कि बीते तीन सालों में राष्ट्र विरोधो गतिविधियों में शामिल होने के लिए कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसपर राय ने जवाब दिया कि कानूनी व्यवस्था और पुलिस राज्य के हाथ में है और ऐसी गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या के बारे में डेटा केंद्र के पास नहीं रखा जाता है।

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