मिक्स-एंड-मैच करके लगेगा कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज? दो सप्ताह में फैसला ले सकती है सरकार
नई दिल्ली
भारत में अचानक से कोरोना के मामलों में उछाल ने अधिकारियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। यही वजह है कि सरकार कोरोना के खिलाफ रक्षाकवच यानी वैक्सीन के बूस्टर डोज को लेकर खास योजना बना रही है।
घटनाक्रम से परिचित लोगों ने बताया कि सरकार दो सप्ताह में यह तय करने में सक्षम हो सकती है कि वेल्लोर में क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज द्वारा तैयार किए जा रहे ट्रायल डेटा के आधार पर पहले से अप्रूव कोविड-19 टीकों की बूस्टर खुराक को मिक्स और मैच करना है या नहीं। सीएमसी वेलूर को पिछले साल अगस्त में भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा टीके के बूस्टर डोज के लिए क्लीनिकल ट्रायल कराने की मंजूरी मिली थी। अब खबर है कि सीएमसी वेलूर जल्द ही केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के विषय विशेषज्ञों के समक्ष प्रस्तुत करने में सक्षम होने के लिए पर्याप्त डेटा तैयार करने जा रहा है जिससे यह तय हो सकेगा कि वैक्सीन को मिक्स करके देना उचित रहेगा या नहीं।
वैक्सीन की इस स्टडी को लीड कर रहे सीएमसी वेल्लोर के वरिष्ठ वैक्सीन विशेषज्ञ और फैकल्टी गगनदीप कांग ने कहा, “हमें पिछले सप्ताह के अंत में स्टडी से जुटाए गए सैंपल को टेस्ट करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की स्क्रीनिंग समिति से अनुमति मिली थी। इस टेस्ट से डेटा उत्पन्न करने के लिए दो सप्ताह की आवश्यकता होगी।” उन्होंने कहा “सैंपल टेस्टिंग शुरू हो गई है और एक या दो सप्ताह में हमें ऐसा प्रासंगिक डेटा उत्पन्न करने में सक्षम हो जाना चाहिए जो पहले डेटा सुरक्षा और निगरानी बोर्ड को प्रस्तुत किया जाएगा। उनकी मंजूरी के बाद, हम सीडीएससीओ को डेटा पेश करेंगे। हमने पहले ही इस पर दवा नियामक से समय मांगा है।"
पिछले साल जुलाई में, राष्ट्रीय दवा नियामक ने सीएमसी वेल्लोर को स्टडी करने की अनुमति दी थी, और मार्च में, प्रारंभिक निष्कर्षों को विश्लेषण के लिए टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के साथ साझा किया गया था। एनटीएजीआई ने अपनी पिछली बैठक में एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने पर अधिक डेटा मांगा था। शोधकर्ताओं ने इसके लिए अतिरिक्त धन जुटाने के बाद आगे के परीक्षण करने की मंजूरी के लिए फिर से स्वास्थ्य मंत्रालय के पास आवेदन किया।
दुनिया के कई देशों में कोरोना के बूस्टर डोज को लेकर मिक्स एंड मैच की बात होती रही है। यूके में आई एक स्टडी में मिक्स एंड मैच वैक्सीन के बूस्टर डोज से ज्यादा एंटीबॉडी पाई गई है। द लेंसेट में छपी स्टडी के मुताबिक मिक्स एंड मैच बूस्टर डोज ज्यादा व्यापक असरदार रहा है। स्टडी में लगभग 2878 लोग शामिल थे और इसी साल जून में इन्होंने वैक्सीन ली थी। जिन लोगों को ट्रायल के दौरान मिक्स एंड मैच बूस्टर डोज दी गई, उनमें ज्यादा एंटीबॉडी का स्तर मिला। इसी को लेकर भारत में स्टडी जारी है।