इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए केंद्र ने बनाया खास प्लान, पहले चरण में दिल्ली जैसे शहरों में लागू होगी बैट्री अदला-बदली व्यवस्था
नई दिल्ली |
नीति आयोग ने गुरुवार को इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) के लिए बैट्री अदला-बदली नीति का मसौदा जारी किया। पहले चरण में दिल्ली जैसे 40 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में इसे लागू किया जाएगा। दोपहिया और तिपहिया वाहनों की जरूरत को देखते हुए राज्यों की राजधानियों समेत पांच लाख की आबादी वाले शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी।
वाहन सस्ते होंगे : बैट्री अदला-बदली ईवी वाहनों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था है। इसमें ‘डिस्चार्ज’ बैट्री को चार्ज बैट्री से बदल दिया जाता है। ऐसे वाहनों को बिना बैट्री के बेचा जाएगा, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होंगे। इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए मौजूदा या नई योजनाओं के तहत दिए जाने वाले पैकेज भी लागू होंगे। इससे भी लाभ मिलेगा। मसौदे में सुझाव दिया गया है कि प्रोत्साहन के आकार का निर्धारण बैट्री की किलोवॉट रेटिंग और ईवी के आधार पर किया जा सकता है। सब्सिडी कैसी होगी और किस तरह इसका वितरण होगा, इसके लिए एक उपयुक्त प्रणाली संबंधित मंत्रालय या विभाग तैयार करेगा। मौजूद व्यवस्था में लिथियम ऑयन बैट्री और इलेक्ट्रिक वाहन आपूर्ति उपकरणों पर जीएसटी क्रमश: 18 प्रतिशत और पांच प्रतिशत है। इसे कम करने पर विचार कर रहे।
दोपहिया वाहन चालकों के लिए आसानी होगी
1. बैट्री अदला-बदली दोपहिया और तीन पहिया जैसे वाहनों के लिए उपयोग की जा सकती है। क्योंकि इनमें छोटी बैट्री होती है और बदलना आसान होता है।
2. निजी वाहनों में दोपहिया का हिस्सा 70-80 है,ज्यादातर लोग इससे लाभान्वित हो रहे।
3. मसौदे के अनुसार, कोई भी व्यक्ति किसी भी स्थान पर बैट्री अदला-बदली स्टेशन स्थापित करने को स्वतंत्र होगा।
दुर्घटना होने पर जुर्माना लगाया जाएगा : गडकरी
केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन में खराबी से किसी तरह की दुर्घटना होती है तो संबंधित कंपनी पर भारी जुर्माना लगेगा। बदले में कंपनी को दूसरा वाहन भी देना होगा। पिछले दो महीनों में इलेक्ट्रिक स्कूटर से जुड़े हादसों को लेकर उन्होंने यह बात कही।