नरवाई जलाना पड़ा महंगा, 111 किसानों पर लगाया 5 लाख 90 हजार का जुर्माना

सीहोर। जिले में नरवाई जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए कलेक्टर बालागुरू के. ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। कलेक्टर बालागुरू के. के निर्देश पर जिले में नरवाई जलाने की रोकथाम के लिए नरवाई जलाने पर बुधनी एसडीएम डीएम तोमर द्वारा अनुभाग के 43 किसानों पर 2,17,500 रूपए तथा भैरूंदा एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी द्वारा भैरूंदा अनुभाग के 68 किसानों पर 3,72,500 रूपए का अर्थदंड लगाया जा चुका है। कलेक्टर द्वारा जारी निर्देशानुसार जिले में नरवाई जलाने की रोकथाम के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करने के पश्चात भी किसानों द्वारा नरवाई जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जो कि वातावरण, मिट्टी की संरचना एवं पोषक तत्वों तथा उर्वरा शक्ति के लिए नुकसानदायक है।
कलेक्टर बालागुरू के. ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि फायर मॉनिटरिंग वेबसाइट पर सभी सम्मिलित विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों का अधिक से अधिक संख्या में रजिस्ट्रेशन कराया जाए, जिससे वन क्षेत्र एवं नरवाई जलाने संबंधी घटनाओं की सूचना समय पर प्राप्त हो सके। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि फायर फाइटिंग सिस्टम को ज्यादा प्रभावशाली बनाया जाए। जे फार्म एप पर जिले में उपलब्ध 75 सुपर सीडर का रजिस्ट्रेशन कराया जाए तथा जिले के सभी किसानों को जे फार्म एप पर जोड़कर सुपर सीडर एवं हैप्पी सीडर का उपयोग करने के लिए बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जिले में पटवारी, कृषि विस्तार अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सहायक एवं वन रक्षक की संयुक्त टीम गठित कर संबंधित क्षेत्र में नरवाई एवं वन क्षेत्र में आग न लगाने के लिए प्रचार-प्रसार कराया जाए तथा क्षेत्र में घटित होने वाले प्रकरणों में संबंधित किसानों के विरुद्ध पंचनामा तैयार कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत कर कार्यवाही की जाए। इसके साथ ही जिन ग्रामों में अभी फसल कटाई शेष है तथा पहले वर्ष में इन ग्रामों में नरवाई जलाने की घटनाएं हुई हों तो ऐसे ग्रामों में ट्रैक्टर चलित वाटर टैंकर (पम्प सहित) उपलब्धता सुनिश्चित कराया जाए, जिससे खड़ी फसल में आग ना लगे तथा नरवाई में लगी हुई आग को तत्काल बुझाया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि कृषि विभाग द्वारा प्रतिदिन जारी किए जा रहे फसल अवशेष को जलाने की सैटेलाइट मॉनिटरिंग की जिलेवार रिपोर्ट की समीक्षा की जाए तथा रणनीति भी तैयार की जाए, ताकि आग लगने की घटनाओं को रोका जा सके।