पितृमोक्ष अमावस्या पर आंवलीघाट पर लगता है भूतों का मेला, एक दिन पहले ही लगा श्रद्धालुओं का जमघट
लोग गहरे पानी में नहीं जाए, इसके लिए लगाए पानी में बेरीकेट्स, 200 से अधिक पुलिस जवान एवं गोताखोरोें की टीम को किया तैनात
रेहटी। पितृमोक्ष अमावस्या पर आंवलीघाट नर्मदा तट पर भूतों का मेला लगता है। यह मेला अमावस्या की पूर्वरात्रि पर लगता है। देर रात को मेला शुरू होता है, जो रातभर चलता है। इसमें ऐसे लोग आते हैैं, जिनको बाहरी बाधा की शिकायत होती है। वे यहां आकर नर्मदा में स्नान करते हैं। पितृमोेक्ष अमावस्या में आंवलीघाट पर स्नान करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु-भक्त आते हैं। इस बार भी एक दिन पहले ही बड़ी संख्या मेें लोगों का जमघट आंवलीघाट तट पर लग गया। देर शाम तक वहां पर भारी संख्या में लोग पहुंच गए। इस दौरान जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन सहित स्थानीय प्रशासन भी सक्रिय रहा। सुबह से ही अधिकारियोें ने आंवलीघाट पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। लोग गहरे पानी में नहीं पहुंचे, इसके लिए पानी में बेरीकेटिंग की गई है। इसके अलावा पुलिस जवानोें सहित गोेताखोरोें की टीम को भी वहां पर तैनात किया गया है।
अलग-अलग जगह बनाई पार्किंग-
पितृमोेक्ष अमावस्या पर आंवलीघाट पहुंचने वालेे श्रद्धालुओें के वाहनों के लिए आंवलीघाट में अलग-अलग जगह पार्किंग की व्यवस्था की गई है। पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने बताया कि घाटों पर अधिक पानी होने से 10 से 15 फीट दूर नदी में बेरिकेटिंग की गई है, ताकि लोग सुरक्षित स्नान कर सकें। यहां पर सुरक्षा व्यवस्था केे लिए 200 से अधिक पुलिसकर्मियों का बल तैनात किया गया है, साथ ही एसडीआरएफ की टीम तैनात रहेगी। पार्किंग के लिए मछुआ भवन के पीछे वाहनों को खड़ा कराने के लिए यहां पर कोपरा और मुरम डाली गई है। यहां 700 वाहनों को खड़ा कराया जा सकता है। इसी तरह मरदानपुर जोड़ से मरदानपुर गांव तक भी वाहनों को खड़ा कराया जाएगा। इस पार्किंग स्थल पर एक साथ 500 वाहनों को खड़ा कराया जा सकता है। इसके लिए यहां पर भी व्यवस्था की गई है। यह स्थान आंवलीघाट से करीब डेढ़ किमी दूर है। इसकेे अलावा पांगरा और पानगुराड़िया रोड पर भी वाहनों को खड़ा कराया जाएगा।
अधिकारियों ने देखी आंवलीघाट की व्यवस्थाएं-
आंवलीघाट पर की गई व्यवस्थाओं का एसपी मयंक अवस्थी ने जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं के आवागमन मार्ग, वाहन पार्किंग, अस्थायी शौचालय तथा घाट पर साफ-सफाई सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को भी देखा। घाट पर प्रशासनिक अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। मौके पर एएसपी गीतेश कुमार गर्ग सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
व्यवस्थाओं के लिए विभागों को दी जिम्मेदारी-
सलकनपुर देवी मंदिर में नवरात्रि पर्व के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए विभागों की ड्यूटी लगाई गई है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने, मध्यप्रदेश विद्युत मंडल जिला सीहोर को विद्युत व्यवस्था सुचारू रूप से सुनिश्चित रखने, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को मंदिर परिसर पर स्थाई रूप से पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस मय डॉक्टर्स टीम एवं आवश्यक जीवन रक्षक औषधियों सहित उपलब्ध रखने, मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर परिषद बुधनी एवं रेहटी को फायर ब्रिगेड वाहन, फायर फाइटर, साफ-सफाई एवं चलित शौचालय आदि व्यवस्था अनुविभागीय दंडाधिकारी से समन्वय कर उपलब्ध कराने तथा लोक निर्माण विभाग बुधनी के कार्यपालन यंत्री को मंदिर परिसर में बैरिकेटिंग सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं।
सलकनपुर में चल रही तैयारियां-
शारदीय नवरात्रि पर्व को लेकर सलकनपुर में भी तैयारियां चल रही हैं। मंदिर की साज-सज्जा एवं रोेशनी के साथ यहां पर साफ-सफाई भी की जा रही है। देवीलोक निर्माण कार्य के चलते यहां पर इस बार व्यवस्थाओें में कुछ बदलाव भी किया गया है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के निजी वाहनोें को इस बार प्रतिबंधित करते हुए यहां पर टैक्सी वाहनों को अनुमति दी गई है। ये टैक्सी वाहन पार्किंग स्थल से ही श्रद्धालुओं को उपर ले जाएगी एवं वहीं पर लाकर छोड़ेगी। इसके लिए प्रति व्यक्ति 60 रूपए किराया तय किया गया है। मंदिर परिसर में लोगोें को परेशानियां नहीं आए, इसके लिए वहां पर व्यवस्थाओें को दुरूस्त करने में मंदिर समिति के कर्मचारी जुटे हुए हैं। मंदिर समिति के अध्यक्ष महेश उपाध्याय ने बताया कि मंदिर में इस बार व्यवस्थाओें में थोेड़ा परिवर्तन किया गया है। इस बार श्रद्धालुओें के आनेे-जाने के लिए अलग-अलग मार्ग बनाए गए हैं, ताकि उन्हें दर्शन करके वापस लौटनेे में कोई परेशानी नहीं आए।