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सीहोर में हुआ श्रीराधा नाम कीर्तन का भव्य आयोजन, भजनों की प्रस्तुति ने समां बांधा

जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष जसपाल अरोरा ने किया पंडित प्रदीप मिश्रा का सम्मान

सीहोेर। जिला पंचायत, नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता जसपाल अमीता अरोरा के नेतृत्व मेें भव्य श्रीराधा नाम कीर्तन का आयोजन किया गया। इसमें पंडित प्रदीप मिश्रा विशेेष रूप से मौैजूद रहे। अरोरा पेट्रोल पंप के पास कृष्णा गार्डन में आयोजित श्रीराधा नाम कीर्तन में एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति नेे समां बांध दिया। इस दौरान हजारोें की संख्या में महिलाएं, पुरूष सहित नगर के गणमान्य नागरिक मौैजूद रहे। इस दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा नेे भी भजन गाकर भगवान श्रीकृष्ण एवं राधा की महिला का वर्णन किया। इससे पहले कार्यक्रम की शुरूआत में जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष जसपाल अरोरा एवं नगर परिषद की पूर्व अध्यक्ष अमीता अरोरा ने पूजा-अर्चना की। इसके बाद श्रीराधा नाम कीर्तन की शुरूआत की गई।
श्रीराधा नाम ही जीवन में सार्थक है: पंडित प्रदीप मिश्रा
श्रद्धालुओं ने राधा रानी तेरे नाम का सहारा… हरि नाम की बूटी पिया करो… हर पल मस्ती में जिया करो… आदि भजनों पर आनंद लिया। कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। इस मौके पर भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि श्रीराधा नाम ही जीवन में सार्थक है। भजन-कीर्तन या किसी भी संगीत उत्सव में ताली बजाने से मन में हल्का पन महसूस होता है। ईश्वर भक्ति करने से मन जो अशांत रहता है वह शांत हो जाता है। ईश्वर की परम कृपा हम पर बरसने लगती है। जब हम ध्यान में मग्न हो जाते हैं, तब सिर्फ हमारी तालियां बज रही होती है और एक लय द्वारा हम ईश्वर से जुड़ जाते हैं। पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि भजन-कीर्तन करने से सभी को आनंद और उत्साह की प्राप्ति होती है। परमार्थ के मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति का जीवन ही सार्थक होता है। इस मार्ग पर चलना कठिन है और बहुत आसान भी है। इस मार्ग पर चलने के लिए अभिमान, निंदा, महत्वाकांक्षा, नाम आदि की भावना का त्याग व लोभ छोड़ना पड़ेगा। बिना इनके छोड़े किनारा नहीं मिलेगा। तू भी ले राधा का नाम अमृत बरसेगा। राधा का नाम प्यारा जीवन का है सहारा, भव से पार होने का सब से बड़ा किनारा, पापो को ढोते-ढोते जीवन चला हमारा, दुनिया में ढूंढा फिर भी मिलता नहीं किनारा, सुन करके नाम राधा मिलता गया नजारा धारा तो बह रही… श्री राधा नाम की, किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए। राधे राधे रटो, चले आएंगे बिहारी… जुबा पे राधा-राधा-राधा नाम हो जाए और हमें राधा रानी तेरे नाम का सहारा नाम का सहारा तेरे नाम का सहारा आदि अनेक भजन सुनाए। भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा के मार्गदर्शन में श्रीराधा नाम कीर्तन दिव्य आयोजन रात्रि 7 बजे से देर रात्रि तक चला। कीर्तन के बाद महाप्रसादी का वितरण भी किया गया।
श्रीराधा नाम का जाप भी हुआ-
शहर के कृष्णा गार्डन मेें आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने पहले भगवान की पूजा-अर्चना की गई, इसके बाद श्रीराधा नाम का कीर्तन पाठ, राधा नाम का जाप, मौन माला और नृत्य माला आदि का आयोजन किया गया। इस मौके पर भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा ने किया कि राधा नाम के श्रवण, स्मरण और उच्चारण से कर्मभोग, गर्भवास और भवबंधनादि एक ही साथ नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि रा शब्द के उच्चारण से भक्त परम दुर्लभ मुक्ति पद को प्राप्त करता है और धा शब्द के उच्चारण से श्रीहरि के धाम में दौड़कर पहुंचना है। रा का एक अर्थ पाना और धा का अर्थ है निर्वाण। राधा का अर्थ मुक्ति पाना है। गिरीराज सरन ने कहा कि इस नाम का जाप करने वाले का श्रीहरि स्वयं सत्कार करते हैं। उन्होंने कहा कि मासिक श्रीराधा नाम कीर्तन में जो प्रसादी का वितरण किया जाता है वह अन्नकूट के प्रसाद की तरह होती है, जिसका सेवन करने से हमारी बुद्धि शुद्ध होती है। कार्यक्रम के पश्चात आयोजन करने वालों ने सभी श्रद्धालुओं और समिति का सम्मान किया। इस दौरान भाजपा नेता जसपाल अरोरा ने उपस्थित जनसमूह का आभार भी व्यक्ति किया।

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