सीहोर। थोड़ी मेहनत हाथ की, बाकी कृप भोलेनाथ की, आपको मेहनत करना पड़ेगी, भगवान शिव आपको सफलता जरूर देगा। जब बच्चा आंगन में खेलता है तो मां की सारी निगाह बच्चे पर रहती है, हमें इस संसार में भगवान शिव के भरोसे रहना चाहिए, ईश्वर आपके कार्य पूर्ण करेगा। मां शबरी की कुटिया में पहुंचे भगवान श्रीराम ने भी उनसे कहा कि सबसे श्रेष्ठ भक्ति है श्रवण करने की, भक्ति प्राप्त करने का सबसे उत्तम व सरल साधन कथा श्रवण है। कथा जीवन को पवित्र करने वाली है। हमें कथा का श्रवण कर उसका अनुसरण करना चाहिए। सुविधा हर समय दुविधा देती है, हम जितने वीआईपी बनते है, उतने ही भगवान से दूर होते जाते है। इस संसार में तो भगवान को प्राप्त करने के लिए भक्ति रूपी भाव की आवश्यकता है। यहां पर धाम पर आने वाले श्रद्धालु स्वयं सेवा कार्य में जुट जाते है। हर रोज हजारों श्रद्धालुओं के भोजन प्रसादी के कार्य में सहयोग करते है। उक्त विचार जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में जारी सात दिवसीय शिव महापुराण के पांचवे दिवस अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहे।
उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति कर हम मोक्ष रूपी अमृत प्राप्त कर सकते हैं। संसार सागर में जन्म लेना आसान है, लेकिन यहां से बिना कोई दाग लगाए वापस जाना कठिन है। कलियुग केवल नाम अधारा। हम सिर्फ प्रभु का नाम जप करें। चलते फिरते, उठते बैठते अपने इष्ट का नाम जपें। सत्संग जरूर करें। संकीर्तन भक्ति को बढ़ाता है। इसके साथ ही प्रभु कृपा साध्य है, लेकिन फिर भी हमें साधन तो करना ही है। समर्पण से रीझकर प्रभु भक्त पर अपनी कृपा बरसा देते हैं। हम इंद्रियों को वश में कर परमात्मा तक जा सकें। भक्ति कर सकें तो महादेव की कृपा जरुर प्राप्त होगी। मन बड़ा चंचल होता है। यह मंदिर तक तो चला जाता है पर भक्ति में भी लगा रहे तो भगवान जरुर कुछ देगा। मंदिर में जाओ तो नैनों को टकटकी लगाकर भगवान को देखने में डूब जाओ, भगवान की भक्ति में डूब जाओ तो जरुर वो फल देगा। भक्ति दिखावा के लिए न करें। मंदिर जाते हो तो जाओ। कोई देखे न देखे। आपको ध्यान देने की जरूरत नहीं है। मंदिर में झाड़ू लगाते हो तो ये मत चिंता करो कि कोई देख रहा है या नहीं। किसी के देखने पर कोई काम मत करो। हमारे पुण्य और पाप हमें अलग-अलग मार्ग पर ले जाते हैं। हम जैसा कर्म करेंगे, हमें वैसे फल की प्राप्ति होती है। मनुष्य को अपना कर्म करते हुए सावधान रहना चाहिए। शुभ कर्म मनुष्य को सुख-समृद्धि और शांति देते हैं। पाप कर्म का मार्ग बहुत ही कांटों भरा होता है।
महिला ने पत्र लिखकर बताई कथा श्रवण की महिमा –
गुरुवार को कथा के पांचवे दिवस अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक गुरुदेव पंडित श्री मिश्रा ने अनेक पत्रों को यहां पर श्रद्धालुओं को सुनाए, एक महिला ने पत्र लिखकर कथा श्रवण की महिमा का उल्लेख किया। पंडित श्री मिश्रा ने महिला के पत्र पढ़कर बताया कि श्रीमती विमलेश पंडा उत्तरप्रदेश के मैनपुरी से आई है, उन्होंने पत्र में बताया कि मेरे पति की आंखों की रोशनी चली गई थी, अनेक डॉक्टरों और अस्पताल में जांच और इलाज कराया, पहली बार कथा का श्रवण उन्होंने किया था, इसके बाद बताए उपाय पर अमल किए तो आंखों की रोशनी आ गई। बस आपको ईश्वर पर भरोसा करने के साथ इलाज भी जारी रखना चाहिए।