मेहनत से पाया मुकाम, अब करेंगे आडी कार से सफर

इंदौर। कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं होता, एक पत्थर तो तबीयत से उझालो यारो… इस कहावत को चरितार्थ करके भी दिखाया है देवास के बागली (उदयनगर) तहसील से एक छोटे से गांव केवटियापानी के राजेश बाकोरे ने, जिन्होंने अपने जीवन की शुरूआत फर्श से की थी, लेकिन अब वे फर्श से चलकर आडी कार तक के सफर को तय करने जा रहे हैं। दरअसल इंदौर में डायरेक्ट सेलिंग कंपनी एस्क्लेपियस वैलनेस के ब्लू डायमंड डीएस राजेश बाकोरे ने अपने सपनों की कार आॅडी खरीदी है। उनकी इस उपलब्धि को लेकर आॅडी कार की चाबी देने आए एस्क्लेपियस वैलनेस के रॉयल अंबेसडर महिपाल सिंह ने बताया कि आज से 5 साल पहले राजेश बाकोरे ने देवास शहर से एस्क्लेपियस वैलनेस को अपने दोस्त विजेंद्र सिंह अंगोरिया के साथ मिलकर शुरू किया था। ज्ञात हो कि एडब्ल्यूपीएल भारत की 5000 साल पुरानी आयुर्वेदिक पद्धति के ऊपर काम करती है और भारत में फैली बेरोजगारी, बीमारी को पिछले 8 सालों से दूर करने की कोशिश करती आ रही है। इस डायरेक्ट सेलिंग कंपनी में राजेश बाकोरे ने काम शुरू किया और 5 साल की कड़ी मेहनत के साथ वे अपने परिवार को आॅडी कार लेकर एक साधारण परिवार की जिंदगी को असाधारण बना दिया। यह संभव हो पाया एस्क्लेपियस वैलनेस के विजनरी डायरेक्टर डॉक्टर संजीव कुमार के द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट के कारण। एस्क्लेपियस वैलनेस के शानदार पेआउट और सिस्टम के कारण और एस्क्लेपियस वैलनेस के शानदार मैनेजमेंट के कारण और एस्क्लेपियस वैलनेस के शानदार टीम के कारण, वाकई एक गरीब परिवार के लड़के ने 5 साल के अंदर फर्श से अर्श तक का सफर तय किया, जो तारीफ ए काबिल है। आज इस आडी को लेने उनकी टीम के 5 सालों से उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले मोहन गिरी गोस्वामी, अरविंद शर्मा, विजेंद्र सिंह अंगोरिया, सेवजीराम सोलंकी, संजू देवड़ा, कैलाश जाटव, गुल्ल मोहम्मद, हरिओम बाकोरे, उमेश त्रिवेदी, भारत चौहान, नाजिया खान, सविता मारू, रमा जोशी, पवन कवचे, दीपक राजपूत, सुधा हरोड़, राजेंद्र नागलिया, अमित वर्मा, राहुल मुजाल्दे, इन सभी साथियों ने भरपूर सहयोग दिया और सबकी मेहनत रंग लाई। राजेश बाकोरे को इस अचीवमेंट के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं। हम उम्मीद करते हैं कि यह टीम हमेशा इसी तरह गरीब लोगों को अमीरी की ओर ले जाती रहे और लोगों के सपनों को पूरा करती रहे।

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