सुमित शर्मा, सीहोर।
सहकारिता विभाग यूं तो घपलों, घोटालों को लेकर हमेशा चर्चित रहता है, लेकिन इस समय विभाग की चर्चा सीहोर जिले की ग्राम सिराड़ी स्थित प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित को लेकर हो रही है। यहां के तत्कालीन समिति प्रबंधक गुलाब सिंह पुत्र रामकिशन ने रवि फसल बीमा योजना क्लेम की किसानों की राशि को अपने रिश्तेदारों के खातों में डलवाकर लाखों का घोटाला किया। इस खेल में समिति के सहायक प्रबंधक बने सिंह पुत्र रामदयाल की भी अहम भूमिका है। यह मामला वर्ष 2018-19 की फसल बीमा क्लेम की राशि का है, लेकिन मामला बाद में सामने आया। अब इस मामले में जब शिकायतें हुईं तो अधिकारियों ने वाहवाही कराने के लिए तत्कालीन समिति प्रबंधक गुलाब सिंह पुत्र रामकिशन को तो निलंबित कर दिया, लेकिन सहायक समिति प्रबंधक बने सिंह पुत्र रामदयाल अब भी पद पर रहकर कारनामों को अंजाम देने में जुटा हुआ है। किसानों एवं ग्रामीणों की मांग है कि भ्रष्टाचार करने वाले समिति प्रबंधक एवं सहायक प्रबंधक की सेवा समाप्त की जाए एवं गबन की गई राशि वसूलकर वापस उन किसानों के खातों में डाली जाए, जिनकी यह राशि थी। सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस मामले में हीलाहवाली कर रहे हैं। इससे अन्य समिति प्रबंधकों के हौसले भी भ्रष्टाचार, गबन एवं लापरवाही को लेकर बुलंद हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित सिराड़ी जिला सीहोर में वर्ष 2018-19 के दौरान किसानों की रवि फसल बीमा क्लेम की राशि आई थी। उस समय यहां के तत्कालीन समिति प्रबंधक गुलाब सिंह पुत्र रामकिशन एवं सहायक समिति प्रबंधक बने सिंह पुत्र रामदयाल ने मिलकर लाखों का खेल कर दिया। इन दोनों ने मिलकर यहां पर भाई-भतीजावाद चलाया एवं किसानों की राशि अपने भाई, रिश्तेदारों के खातों में टांसफर कर दी। इसके लिए समिति प्रबंधक एवं सहायक प्रबंधक ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए और ऐसे किसान जिनकी जमीनें तो कम थी, लेकिन उनकी जमीनें अधिक दर्शाकर उनके खातों से लाखों-करोड़ों रूपए निकाल लिया। इतना ही नहीं इस काम में समिति प्रबंधक एवं सहायक प्रबंधक ने ऐसे किसानों का भी उपयोग किया, जो उस समिति से संबंधित ही नहीं थे और उनके नाम से भी खातों में पैसा जमा कराकर उन्हें निकाल लिया।
जमा खातों को होल्ड कर दिया और निकाल ली राशि –
इस घोटाले के मास्टर माइंड समिति प्रबंधक गुलाब सिंह पुत्र रामकिशन, सहायक समिति प्रबंधक बने सिंह पुत्र रामदयाल ने समिति के सदस्यों के जमा खातों को होल्ड कर दिया। इसके बाद इन खातों में राशि जमा कराकर उसे निकाल लिया। इतना ही फर्जी ऋण ग्रहिता को कालातीत होने पर भी अधिक फसल बीमा राशि दे दी गई।
इन रिश्तेदारों के खातों में पहुंचाई गई राशि –
गुलाब सिंह पुत्र रामकिशन ग्राम सिराड़ी ऋण राशि 263030 अंश राशि 14905 रूपए, रामनारायण पुत्र रामकिशन समिति प्रबंधक भाई ऋण राशि 115077.51 अंश राशि 1662 रूपए, जीतमल पुत्र रामकिशन समिति प्रबंधक भाई ऋण राशि 263030.95 अंश राशि 14905 रूपए, संतोष बाई पति गुलाब सिंह समिति प्रबंधक की पत्नी ऋण राशि 68653 अंश राशि 1765 रूपए, कमलेश पुत्र रामनारायण समिति प्रबंधक का भतीजा ऋण राशि 50305 रूपए, गीताबाई पति मुन्नूलाल ऋण राशि 101733 अंश राशि 159 रूपए, सुमित्राबाई पति मोतीलाल ऋण राशि 101835 अंश राशि 8275 रूपए, दिलीप पुत्र मोतीलाल समिति का लिपिक ऋण राशि 99740 अंश राशि 4474 रूपए, बनेसिंह पुत्र रामदयाल समिति का सहायक प्रबंधक ऋण राशि 171829.38 अंश राशि 20774, रामदयाल पुत्र शंकरलाल सहायक प्रबंधक के पिता ऋण राशि 228144.38 अंश राशि 29171 रूपए, मिथुन पुत्र रामदयाल सहायक प्रबंधक का भाई ऋण राशि 247123.81 अंश राशि 5457 रूपए, कृष्णा पुत्र रामदयाल सहायक प्रबंधक का भाई ऋण राशि 172125.38 अंश राशि 20818 रूपए, मोर सिंह पुत्र रामदयाल सहायक प्रबंधक का भाई ऋण राशि 211380.38 अंश राशि 26609 रूपए, विजय सिंह पुत्र रामचरण ऋण राशि 156545.38, करण सिंह पुत्र रामचरण ऋण राशि 130821 अंश राशि 1113 रूपए, अभिषेक पुत्र विजय सिंह ऋण राशि 100000, अनिल पुत्र कामता प्रसाद समिति का कम्प्यूटर ऑपरेटर ऋण राशि 200000 अंश राशि 30000 रूपए, कामताप्रसाद पुत्र कमलसिंह कम्प्यूटर ऑपरेटर अनित के पिता ऋण राशि 200000 अंश राशि 14540 रूपए, सुरेंद्र पिता कामताप्रसाद कम्प्यूटर ऑपरेटर का भाई ऋण राशि 200000 अंश राशि 28400 रूपए, धनराज पुत्र कमलसिंह कम्प्यूटर ऑपरेटर अनिल के चाचा ऋण राशि 127000 अंश राशि 6000 रूपए बैंक खातोें से निकाली गई। सभी लोग ग्राम सिराड़ी के निवासी हैं। इसके अलावा कई अन्य किसानों के खातों में राशि जमा कराई गई।
नहीं उठाया फोन –
इस संबंध में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित सीहोर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पीएन यादव से भी चर्चा करनी चाहिए, लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।
इनका कहना है-
जिले के ग्राम सिराड़ी की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित में गबन मामले को लेकर तत्कालीन समिति प्रबंधक को निलंबित किया गया है। मामला पुराना है, इसलिए इसकी फाइल बुलवाकर दिखवाता हूं।
– सुधीर कैथवास, उपायुक्त सहकारिता, जिला सीहोर