
सीहोर। केंद्रीय कृषि मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दौरे के बाद अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का इछावर विधानसभा क्षेत्र में दौरा प्रस्तावित है। आगामी 18 अक्टूबर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इछावर विधानसभा क्षेत्र के बिलकिसगंज आ रहे हैं। इस दौरे को भाजपा द्वारा क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाने और विधानसभा चुनाव 2023 के बाद से मौन पड़े पुराने नेताओं को साधने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि सीएम के दौरे को लेकर अधिकारिक पुष्टि नहीं है, लेकिन इछावर विधानसभा के जिम्मेदार बीजेपी पदाधिकारी सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी साझा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के 18 अक्टूबर के दौरा कार्यक्रम को लेकर इछावर विधानसभा क्षेत्र के जिम्मेदार पदाधिकारी सोशल मीडिया पर जानकारी साझा कर रहे हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के इस दौरे से ठीक 10-12 दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इछावर विधानसभा के बिलकिसगंज में पहुंचकर कार्यकर्ताओं और जनता से मुलाकात की थी।
पुराने नेताओं की ‘मौन’ सक्रियता बनी चिंता
इछावर विधानसभा में पचामा से बिलकिसगंज तक का क्षेत्र भाजपा के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता रहा है। हालांकि विधानसभा चुनाव 2023 के बाद से इस बेल्ट के कई पुराने भाजपा नेता सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं और उनकी सक्रियता न के बराबर दिखाई दे रही है। हाल ही में 6 अक्टूबर को आयोजित क्षेत्रीय विधायक और प्रदेश सरकार के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के जन्मदिन कार्यक्रम में भी पचामा से बिलकिसगंज तक के कई दिग्गज भाजपा नेता शामिल नहीं हुए थे, जिससे स्थानीय संगठन में इन नेताओं की कथित नाराजगी और निष्क्रियता चर्चा का विषय बनी हुई है।
आष्टा की थी सुगबुगाहट
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कार्यक्रम पहले आष्टा आने की भी सुगबुगाहट थी, लेकिन अब उनका दौरा बिलकिसगंज में तय हुआ है। यह भी उल्लेखनीय है कि महज चार दिन पहले ही पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने आष्टा पहुंचकर किसानों से बातचीत की थी। पटवारी ने कृषि उपज मंडी पहुंचकर किसानों से बीमा और मुआवजा आदि की जानकारी ली थी, जिससे क्षेत्र में सियासी माहौल गर्मा गया था।
मंत्री करण सिंह वर्मा का सियासी भविष्य
क्षेत्रीय विधायक करण सिंह वर्मा इछावर से 8 बार विधायक रह चुके हैं और उन्होंने 9 चुनाव लड़े हैं, जिसमें उन्हें महज एक चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि बीते 6 महीने पहले सार्वजनिक मंच से वह अपने राजनीतिक रिटायमेंट की घोषणा भी कर चुके हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री का यह सघन दौरा न सिर्फ मौजूदा सियासी समीकरणों को साधने की कोशिश है, बल्कि भविष्य की रणनीति के संकेत भी दे रहा है।