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शराब ने छीना सम्मान! घूंघट में कलेक्ट्रेट पहुंची 8 गांवों की महिलाओं की गुहार, दुकान बंद करा दो, पति अनाज तक बेच रहे

सीहोर। जिले के चुपाडिय़ां गांव में खुली शराब दुकान को बंद कराने के लिए मंगलवार को महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंची, जहां उन्होंने गुहार लगाई है। सरपंच सुनीता परमाल की अगुवाई में घूंघट में आई इन महिलाओं ने जनसुनवाई में मौजूद अफसरों से दुकान को तत्काल बंद कराने की गुहार लगाई। महिलाओं का आरोप है कि शराब के कारण उनकी गृहस्थी उजड़ रही है और सामाजिक माहौल खराब हो चुका है।
कलेक्ट्रेट पहुंची महिलाओं ने अपनी समस्याएं अधिकारियों के सामने विस्तार से रखीं, जिसमें बताया कि नशा करने के लिए हमारे पति रोज मारपीट करते हैं। पति घर-गृहस्थी का सामान, यहां तक कि अनाज तक बेच देते हैं। शराब के कारण युवा बच्चों के नए रिश्ते भी नहीं हो पा रहे हैं। चुपाडिय़ा में दुकान होने से बच्चों का स्कूल जाना, मंदिर जाना और रिश्तेदारों का गांव आना मुश्किल हो गया है। शराबी आपस में लड़ते हैं, गालियां देते हैं और क्षेत्र में जुआ-सट्टा भी तेजी से बढ़ रहा है।
8 गांव प्रभावित
यह समस्या केवल चुपाडिय़ा तक सीमित नहीं है। बमुलिया खीची, मोलूखेड़ी, सेवखेड़ी, चाचाखेड़ी, लसुडिय़ा, सियाखेड़ी समेत 8 गांवों की महिलाएं इस नशे के कारोबार से सीधे तौर पर प्रभावित हैं।
सरपंच सुनीता परमाल ने बताया कि वे कई बार दुकान हटाने के लिए लिखित आवेदन दे चुके हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने अब तक कोई सुनवाई नहीं की है। चुपाडिय़ा की महिलाओं ने प्रशासन से तत्काल इस गंभीर समस्या पर कार्रवाई करने की मांग की है।

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