Newsआष्टाइछावरजावरनसरुल्लागंजबुदनीमध्य प्रदेशरेहटीसीहोर

सीहोर के सेंटऐनिस स्कूल में धार्मिक भेदभाव का आरोप, अभाविप ने किया प्रदर्शन

सीहोर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सीहोर इकाई द्वारा छात्रों को आ रही परेशानियों एवं स्कूल प्रशासन की मनमानी को लेकर सीहोर नगर के सेंट एनिस सी. से. स्कूल में लगभग 4 घंटे विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन की खबर लगते ही पुलिस एवं जिला प्रशासन के अधिकारी मौैकेे पर पहुंचे और परिषद के कार्यकर्ताओं से विस्तृत रूप से चर्चा की। अभाविप के जिला संयोजक शुभम व्यास ने बताया कि सेंट एनिस स्कूल प्रबंधन द्वारा लगातार मनमानी करते हुए विद्यार्थियों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इसमें छात्रों को तिलक लगाने एवं हाथ में नाड़ा (कलावा) बांधने को लेकर परेशान किया जाता है। छात्रों का कहना है कि जो छात्र तिलक लगाकर और नाड़ा बांधकर आते हैं उन्हें प्रार्थना के बाद रोककर फटकार सुनाई जाती है। उनके हाथ का नाड़ा निकलाकर फेंक दिया जाता है और तिलक पोंछ दिया जाता है, जिससे छात्र मानसिक रूप से परेशान हैं। स्कूल प्रबंधन द्वारा घृणित मानसिकता के साथ ही छात्रों से कहा जाता है कि तुम्हारे भगवान तुम्हारी नहीं सुनेंगे हमारे गॉड सुनेंगे। यह कृत्य लगातार छात्रों के साथ किया जा रहा है। अगर हम भारतीय संविधान के अंतर्गत भी बात करे तो किसी भी शैक्षणिक संस्थान के अंदर धर्मगत या जातिगत बातें या टिप्पणी करने का किसी को अधिकार नहीं हैं, लेकिन स्कूल प्रबंधन द्वारा लगातार इस प्रकार की गतिविधियों से शिक्षा के मंदिर का माहौल दूषित हो रहा है। विभाग संयोजक हर्षित मेवाड़ा ने बताया कि सेंट एनिस स्कूल प्रबंधन द्वारा पिछले सत्र के हिसाब से इस सत्र में विद्यार्थियों का शुल्क 65 प्रतिशत बड़ा दिया गया, जिससे सभी छात्र और उनके अभिभावक बहुत परेशान हैं और यह शासकीय नियम का भी उल्लघन है। शासकीय नियम के आधार पर कलेक्टर या जिला शिक्षा अधिकारी की अनुमति से 500 या 1000 रूपए के शुल्क की ही वर्षभर में वृद्धि की जा सकती है। परंतु यहां तो शासन-प्रशासन के सभी नियमों को ताक पर रख मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है, जो विद्यार्थियों के हित में नहीं है।
ये की मांग-
विद्यार्थी परिषद की स्पष्ट मांग है कि शैक्षणिक संस्थान के अंदर किसी भी छात्र को तिलक लगाने या रक्षासूत्र बांधने को लेकर मना नहीं किया जाए और जो मनमाना शुल्क छात्रों से वसूला जा रहा है उस पर लगाम लगाई जाए। पिछले वर्ष के हिसाब से ही छात्रों से शुल्क लिया जाए और छात्रों के साथ घृणित मानसिकता के साथ दुर्व्यवहार करने वाले स्कूल प्रबंधन पर यथोचित कार्यवाही की जाए। अभाविप के प्रदर्शन के बाद अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी, तहसीलदार, थाना प्रभारी की उपस्थिति में एक जांच टीम का गठन हुआ। प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन के पश्चात अभाविप कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त किया। विरोध प्रदर्शन में भारी संख्या में अभाविप कार्यकर्ता एवं छात्रों के परिजन उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button