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अहंकारी मनुष्य सत्य और असत्य में भेद नहीं कर पाता है: पं.शास्त्री

- प्रसिद्ध तीर्थस्थल रूद्रधाम पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा

रेहटी। तहसील केे रमगढ़ा स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल रूद्रधाम आश्रम में 1008 श्रीश्री परमानंद परमहंस महाराज के संरक्षण एवं श्री बजरंगगिरी महाराज के मार्गदर्शन में पित्रों की शांति के लिए श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। इसमें चतुर्थ दिवस कथावाचक पंडित हरिशंकर शास्त्री द्वारा भगवान विष्णु के भिन्न-भिन्न अवतारों का वर्णन करते हुए बताया कि जब-जब अत्याचार, अनाचार, अधर्म और पाप बढ़ता है, तो भगवान धरा पर अवतरित होते हैं। उन्होेंने बताया कि अहंकार मनुष्य के विनाश का कारण बनता है। अहंकारी मनुष्य सही और गलत में भेद नहीं कर पाता है। उन्होंने बताया कि कंस के अत्याचारों से जब धरती पर चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई, अनाचार का साम्राज्य फैल गया तब भगवान श्रीकृष्ण ने देवकी के आठवें गर्भ के रूप में जन्म लेकर कंस का संहार किया। इस प्रकार जब भी पृथ्वी पर अत्याचार व अधर्म बढ़ा भगवान स्वयं धरती पर अवतरित होकर पापियों का नाश किया है।
कथा में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। जैसे ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तो पूरे पांडाल में चारों और ‘नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की’ के जयकारे लगाए गए। मंगल, बधाई गीत भजनों पर श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य कर आनंद उठाया। इस अवसर पर क्षेत्र की महिलाओं ने अपने घर से माखन मिश्री द्वारा भगवान कन्हैया को भोग लगाया।

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