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’सेहत सेतु’ से वाहवाही, लाड़कुई अस्पताल की इमरजेंसी से डॉक्टर नदारद, मरीज की मौत

- लाड़कुई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में फिर सामने आई बड़ी लापरवाही, सेल्फास खाने के बाद परिजन पहुंचे, लेकिन नहीं मिले इमरजेंसी डॉक्टर

सीहोर। जिले का स्वास्थ्य महकमा एक तरफ ’सेहत सेतु’ के माध्यम से अपनी वाहवाही कराने में जुटा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग दावा कर रहा है कि ’सेहत सेतु’ से सीहोर जिले में 15 हजार से अधिक अपॉइंटमेंट हो गए हैं और ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं की सहज पहुंच सुनिश्चित की गई है। इधर जिले के लाड़कुई स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी लापरवाही सामने आई। इमरजेंसी में डॉक्टर के गायब रहने से एक 25 वर्षीय युवक की मौत हो गई। इतना ही नहीं जब परिजन युवक को लेकर अस्पताल पहुंचे तो यहां पर पर्ची बनाने वाले ने ही उसे बॉटल लगा दी।
जानकारी के अनुसार वीरेंद्र चौधरी पिता कांशीराम चौधरी उम्र करीब 25 वर्ष निवासी लाचौर जिला सीहोर ने सेल्फास की गोली खा ली। इसके बाद परिजन ताबड़तोड़ उन्हें लाड़कुई स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। इस दौरान वहां पर इमरजेंसी से डॉक्टर नदारद थे। वहां पर पर्ची काटने वाले ने औपचारिकता पूरी करके मरीज को बॉटल लगा दी। थोड़ी देर के बाद सिविल अस्पताल भैरूंदा के लिए रैफर कर दिया। भैरूंदा से भी भोपाल के लिए रैफर किया गया। देर रात युवक की भोपाल में मौत हो गई। घटना बुधवार शाम करीब 7.30 बजे की है।
समय पर इलाज मिल जाता तो बच जाती जान-
परिजनों ने बताया कि जब वे युवक को अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां पर इमरजेंसी में कोई भी डॉक्टर नहीं था। पर्ची काटने वाले ने औपचारिकताएं पूरी की। इस दौरान वहां मौजूद नर्स आई। इसके बाद युवक को बॉटल लगाकर भैरूंदा सिविल अस्पताल के लिए रैफर कर दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि यदि समय पर इलाज मिल जाता तो उनका बेटा बच सकता था। परिजनों की मांग है कि ऐसी लापरवाही करने वाले डॉक्टर पर कार्रवाई की जाए।
लापरवाही को लेकर ज्यादा चर्चाओं में रहती है लाड़कुई अस्पताल-
सीहोर जिले की भैरूंदा तहसील स्थित लाड़कुई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की चर्चाएं लापरवाही को लेकर हमेशा होती है। इससे पहले भी कई बार यहां पर इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। इसके अलावा यह अस्पताल फर्जीबाड़े को लेकर भी सुर्खियोें में रहता है। यहां पर जिम्मेदारोें के साथ मिलकर स्टॉफ स्वास्थ्य विभाग को भी चूना लगा रहा है। यहां बता दें कि लाड़कुई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी संख्या में आदिवासी क्षेत्र के मरीज आते हैं और कई बार उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाता है। इसकी शिकायतें भी हुईं, लेकिन यहां की व्यवस्थाएं नहीं सुधर पा रही है।
ये बोले जिम्मेदार-
भैरूंदा विकासखंड के बीएमओ डॉ. मनीष सारस्वत ने बताया कि यहां पर पहले 6 डॉक्टर पदस्थ थे, लेकिन चार डॉक्टर नौकरी छोड़कर जा चुके हैं। ऐसे में दो डॉक्टर 12-12 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं। मामला बेहद गंभीर है मैं इसकी जानकारी लेता हूं।

इधर स्वास्थ्य विभाग का दावा- ’सेहत सेतु’ के माध्यम से 15,000 से अधिक अपॉइंटमेंट
सीहोर जिले में स्वास्थ्य विभाग दावा कर रहा है कि ’सेहत सेतु’ पहल के माध्यम से जिले में अब तक 15 हजार से अधिक मरीजों ने घर बैठे डॉक्टर अपॉइंटमेंट बुक किया है। अब आष्टा, श्यामपुर, बुधनी, रेहटी जैसे दूरवर्ती इलाकों में रहने वाले नागरिक भी टोल-फ्री नंबर 1800-233-2085 पर कॉल कर विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श और स्वास्थ्य जांचों की सुविधा सुनिश्चित समय पर प्राप्त कर रहे हैं। विभाग ने बताया कि अपॉइंटमेंट्स आष्टा सिविल अस्पताल, श्यामपुर और रेहटी सीएचसी, भैरूंदा सिविल अस्पताल और जिला अस्पताल सीहोर में बुक हुए हैं। मरीजों को औसतन 30 मिनट से भी कम समय में सेवा मिल रही है और उपयोगकर्ताओं ने 10 में से 8 से अधिक स्कोर दिया है, जो उपयोगकर्ताओं की संतुष्टि को दर्शाता है। यह सुविधा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाय) में सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में भी उपलब्ध है। अब सीहोर/भोपाल जिले के 250 से अधिक सरकारी और निजी अस्पतालों में अपॉइंटमेंट बुकिंग संभव हो गई है। सीहोर जिले के आयुष्मान निजी पंजीकृत अस्पतालों में राणा उदय, अटल, वैभव, संजीवनी, शिवालय (आष्टा), सानिया (आष्टा) और मधुवन हॉस्पिटल (बुधनी) शामिल हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुधीर कुमार डेहरिया ने बताया कि ’सेहत सेतु’ ने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं की सहज पहुंच सुनिश्चित की है। अब लोग घर बैठे सामान्य चिकित्सा, स्त्री रोग समेत कई विशेषज्ञताओं के लिए अपॉइंटमेंट बुक कर पा रहे हैं। यह सेवा समय की बचत के साथ-साथ असुविधाजनक सफर की ज़रूरत को भी समाप्त करती है। खासकर दूरदराज़ क्षेत्रों में यह एक बड़ी राहत बनकर सामने आई है।

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