
सीहोर। जिले में जहां जिला अस्पताल सीहोर, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित अन्य शासकीय अस्पताल कुप्रबंधन के कारण चर्चाओं में है तो वहीं अब निजी अस्पतालों की भी मनमानी सामने आ रही है। यही कारण है कि आए दिन इन अस्पतालों की लापरवाही एवं मनमानी के चलते लोगों की मौतें हो रही हैं। सीहोर के दो अस्पताल इस समय इसी लापरवाही के कारण चर्चाओं में है। एक जिले के भैरूंदा स्थित नर्मदा अस्पताल और दूसरा जिले के बरखेड़ी में संचालित मुस्कान अस्पताल है। भैरूंदा स्थित नर्मदा अस्पताल में जहां एक आदिवासी महिला का 10 मिनिट इलाज किया गया और उसका 11 हजार रुपए का बिल बना दिया। बिल नहीं चुकाने पर महिला का शव भी नहीं दिया। इसी तरह बरखेड़ी में संचालित मुस्कान अस्पताल की लापरवाही के कारण दो वर्षीय मासूम दीक्षा कुशवाहा की मौत हो गई। अब इन बेहद गंभीर मामले में भी सीएमएचओ सीहोर डॉ. सुधीर डेहरिया एवं बीएमओ भैरूंदा डॉ. मनीष सारस्वत शिकायत का इंतजार कर रहे हैं। एसडीएम भैरूंदा सुधीर कुशवाह ने अधिकारियों से बात करने का आश्वासन जरूर दिया है।
एक तरफ भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर सेवा कार्य करने में जुटी हुई है, लेकिन सीहोर जिले के भैरूंदा में भाजपा नेता डॉ. राजेश शर्मा के नर्मदा अस्पताल में ही इंसानियत को तार-तार कर देने वाला मामला सामने आया है। नर्मदा अस्पताल में 10 मिनट के लिए भर्ती हुई एक आदिवासी महिला का अस्पताल द्वारा 11 हजार रुपए का बिल बना दिया गया। इसके बाद बिल नही भरने पर महिला का शव भी नहीं दिया। इस मामले में अस्पताल स्टॉफ द्वारा पुलिस को भी तीन घंटे तक गुमराह किया जाता रहा। बाद में सख्ती के बाद शव सौंपा। जानकारी के अनुसार गत रात्रि को करीब 11 बजे दुर्घटना का शिकार हुई फुलवती बारेला पत्नी छोटेलाल बारेला उम्र 22 वर्ष निवासी सनकोटा को इलाज के लिए पहले लाड़कुई स्थित सामुदायित स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया। यहां से डॉक्टरों ने भैरूंदा स्थित सिविल अस्पताल के लिए रैफर कर दिया। जब महिला के परिजन उसे भैरूंदा स्थित सिविल अस्पताल लाए तो यहां भी डॉक्टरों ने स्थिति देखकर हाथ खड़े कर दिए और महिला को और कहीं ले जाने को कहा। इसके बाद दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल महिला फूलवती बाई के पति छोटेलाल बारेला, महिला के पिता गणेश बारेला उसे लेकर भैरूंदा स्थित नर्मदा अस्पताल पहुंचे। यहां भर्ती करने के महज 10 मिनट बाद फूलवती बाई का निधन हो गया। यहां पर नर्मदा अस्पताल के डॉक्टर और स्टॉफ ने 10 मिनट के इलाज में 11 हजार रुपए का बिल बना दिया। परिजनों से बिल के पैसे मांगे तो उनके पास इतने पैसे नहीं थे। अस्पताल स्टॉफ ने शव देने से ही मना कर दिया। इस दौरान अस्पताल द्वारा थाने को सूचना दी गई, इस पर थाने से स्टॉफ पहुंचा। यहां पर पुलिस स्टॉफ को भी अस्पताल द्वारा तीन घंटे तक गुमराह किया जाता रहा। सख्ती के बाद महिला का शव सौंपा गया। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर लिया है।
वायरल वीडियो ने खोली पोल –
इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें अस्पताल प्रबंधन की पोल खुली। रात करीब 2 बजे तक जब परिजन मिन्नतें करते रहे, लेकिन अस्पताल का स्टॉफ नहीं पिघला। वीडियो में पुलिसकर्मी आरएस यादव अस्पताल स्टॉफ से कह रहे हैं कि आप लोग दो घंटे से डेड बॉडी को रोके हुए हैं। यह सरासर गलत है। थाने में मर्ग कायम हो गया है, जबरदस्ती पैसे के लिए शव को रख रखा है। दूसरी ओर अस्पताल का कर्मचारी बेखौफ होकर पुलिसकर्मी की नेम प्लेट का वीडियो बनाता है और बिल न चुकाने की बात दोहराता है।
पहले भी नर्मदा अस्पताल रहा चर्चाओं में-
नर्मदा अस्पताल होशंगाबाद के भाजपा नेता डॉ. राजेश शर्मा का है। होशंगाबाद, भोपाल में भी उनके बड़े अस्पताल हैं। भैरूंदा में भी इसकी एक ब्रांच खोली गई है। भैरूंदा स्थित नर्मदा अस्पताल पहले भी कई बार खुर्खियों में रहा। यहां पर आए दिन लापरवाही सामने आती रहती है। पहले भी कई बार मरीजों के साथ इस तरह के व्यवहार सामने आए। एक्सपायरी दवाएं भी यहां पर मरीजों को दे दी गई। अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर भी नहीं हैं, लेकिन इसके बाद जिम्मेदार मौन हैं।
जिम्मेदारों को है शिकायत का इंतजार-
इस बेहद गंभीर मामले में सीएमएचओ डॉ. सुधीर डेहरिया का कहना है कि उन्हेें अब तक शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी। वहीं बीएमओ भैरूंदा डॉ. मनीष सारस्वत का कहना है कि उन्हें भी अब तक किसी ने लिखित शिकायत नहीं की है। भैरूंदा एसडीएम सुधीर कुशवाहा ने कहा कि वे इस मामले में चर्चा करेंगे।
इधर मुस्कान अस्पताल पर नियमों के उल्लंघन का मामला दर्ज-