
सीहोर। इंदौर से कटनी जा रही एक सिविल जज की तैयारी कर रही छात्रा अर्चना तिवारी पिछले 11 दिनों से लापता है. पुलिस और वन विभाग की टीम ने अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिलने के बाद, उसकी तलाश के लिए भोपाल और नर्मदापुरम के बीच पडऩे वाले मिडघाट के घने जंगलों में तलाशी अभियान शुरू किया है.
बता दें अर्चना तिवारी 7 अगस्त को इंदौर से कटनी जाने के लिए इंदौर-बिलासपुर नर्मदा एक्सप्रेस में एसी कोच की टॉप बर्थ पर सवार हुई थी. रात करीब 10.16 बजे उसने अपनी चाची से फोन पर बात की थी. यह ट्रेन रात 10.05 बजे भोपाल से निकलती है और 11.26 बजे नर्मदापुरम पहुंचती है. इसी 1 घंटे 21 मिनट के सफर के दौरान अर्चना के साथ क्या हुआ, यह एक रहस्य बना हुआ है.
कटनी में नहीं उतरी ट्रेन से
अर्चना अगले दिन कटनी में ट्रेन से नहीं उतरी. उसका बैग उमरिया स्टेशन पर उसकी सीट पर ही मिला, लेकिन अर्चना का कोई पता नहीं चला. पुलिस को संदेह है कि शायद वह चलती ट्रेन से गिर गई हो. उसकी सीट दरवाजे के पास थी और कई बार यात्री नींद के झोंके में वॉशरूम जाने के लिए उतरते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. इस रूट पर नर्मदा नदी भी है, इसलिए नदी में भी गोताखोरों की टीम ने तलाशी ली, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला.
4 टीमें कर रही तलाश
जीआरपी और वन विभाग की 4 संयुक्त टीमों ने 25 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक पर 10 किलोमीटर अंदर तक घने जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया. टीमों का फोकस है कि कोई भी अहम सुराग छूटना नहीं चाहिए. हालांकि, टाइगर के खतरे ने इस तलाशी अभियान को और भी जोखिम भरा बना दिया है.