आष्टा। नगर का एकमात्र शासकीय अस्पताल पूर्व से ही बीमार है। कहने को यूं तो बहुत बड़ी बिल्डिंग है, किंतु सुविधाओं के नाम पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जहां एक और चिकित्सकों का अभाव है, वहीं दूसरी ओर विशेषज्ञों की कमी भी खलती है। ऐसे में डॉक्टरों का हड़ताल पर चले जाना और भी गंभीर समस्या पैदा कर सकता है। मध्यप्रदेश राज्य स्तरीय चिकित्सा सेवा संघ द्वारा चिकित्सा संबंधी कार्य करने वाले लोगों से अपील की गई थी 1 मई काली पट्टी बांध का विरोध प्रदर्शन करेंगे। 2 मई को 11 बजे से 1 बजे तक सामूहिक हड़ताल पर रहेंगे। उसके बाद सरकार द्वारा किसी प्रकार का निर्णय नहीं लिया गया तो 3 तारीख से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इसी के चलते सिविल अस्पताल आष्टा में 1 तारीख को डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया, वहीं 2 तारीख को 11 से 1 बजे तक हड़ताल पर रहे। उसी दौरान बीएमओ एसके माहवार को ज्ञापन सौंपते हुए अपनी बात कही। ज्ञापन में शासन द्वारा जो आश्वासन दिया गया था वह अभी तक पूरा नहीं हुआ है। उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसी के चलते यह कदम उठाना पड़ा। डॉक्टरों की मांग है कि राजस्व अधिकारियों की तरह ही तय अवधि में प्रमोशन और पद के मुताबिक वेतन स्वत: मिले, डीएसीपी लागू किया जाए, मेडिकल काम में प्रशासनिक अधिकारियों की दखलअंदाजी बंद की जाए, पुरानी पेंशन बहाल की जाए। हड़ताल में डॉ. जीडी सोनी, डॉ. माधवी राय, डॉ. अतुल उपाध्याय सहित अन्य डॉक्टर शामिल रहे।