आष्टा। आर्यिका चरणमती माता जी ससंघ के पावन सानिध्य में किला मंदिर में चातुर्मास प्रारंभ के मंगलाचरण के रूप में आर्यिका श्री विज्ञान मति माता जी द्वारा रचयित बड़े बाबा आदिनाथ महामंडल विधान का आयोजन भक्ति भाव के साथ किया गया। संघस्थ ब्रम्हचारिणी दीदियों द्वारा आकर्षक विधान की रचना की गई थी, जिस पर समस्त श्रावक श्राविकाओं द्वारा बड़े बाबा आदिनाथ महामंडल विधान के अर्घ्य समर्पित किए गए। इस अवसर पर आर्यिका चरण मति माता जी ने कहा कि इस बड़े बाबा आदिनाथ महामंडल विधान की रचना बड़ी माता जी द्वारा रचना की गई है। उनका हम पर बहुत बड़ा उपकार है, जो अपने अमूल्य समय में से हम लोगों के लिए ऐसी रचना लिखकर हमें सौंपी है। यह विधान चमत्कारी ओर अतिशयकारी विधान है। समय-समय पर हम लोगों को कुंडलपुर के बड़े बाबा की आराधना करने के लिए यह विधान की पूजन जरूर करना चाहिए। आज प्रथम शांतिधारा करने का सौभाग्य संजय कुमार छीतरमल जैन, मगनलाल जैन शिक्षक ने प्राप्त किया। विधान के प्रमुख पात्रों में पवन कुमार अवि जैन अलीपुर, जीतमल मनोज कुमार जैन सुपर, महेंद्र कुमार, राकेश जैन जादूगर तथा कैलाश जैन चित्रलोक ने प्राप्त कर अर्घ्य समर्पित किए। विधान में सैकड़ों की संख्या में श्रावक श्राविकाओं ने अर्घ्य समर्पित कर लाभ लिया।