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चारा/भूसा का जिले की सीमा से बाहर निर्यात पर प्रतिबंध

मंदसौर
 मंदसौर जिले में वर्तमान में रबी फसल तैयार होने से कटाई का कार्य प्रारंभ हो गया है फसल कटाई उपरांत प्राप्त चारे- भूसे को पशुधन हेतु उपलब्ध बनाए रखने के लिए एहतियात के तौर पर मध्य प्रदेश राज्य के जिलों को छोड़कर अन्य राज्यों के जिलों में निर्यात तथा उद्योगों के बायलरों एवं ईट भट्टों में पशु चारे- भूसे का ईंधन के रूप में उपयोग तथा मंदसौर जिला राजस्थान राज्य का सीमावर्ती जिला होने के कारण दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत जिले की सीमा से बाहर अन्य राज्यों में निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है ।

कलेक्‍टर एवं जिला दंडाधिकारी गौतम सिंह ने जिले में चारा, भूसा की पूर्ति बनाए रखने/कानून एवं व्‍यवस्‍था बनाए रखने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्‍मक आदेश जारी किए है। उन्होंने आदेशित किया हैं कि कोई भी व्यक्ति या संस्‍थान पशुचारा(आहार) घांस, भूसा, चारा, कड़वी (ज्वार, मक्‍का के डंठल) आदि मंदसौर जिले से बाहर निर्यात नहीं करेगा। साथ ही उद्योगों एवं फेक्‍ट्रीयों के बायलरों/ईंट भट्टों आदि में पशुचारे/भूसे का ईंधन के रूप में उपयोग नहीं करेगा। भूसा तथा चारे का युक्ति संगत मूल्‍य से अधिक मूल्‍य पर किसी भी व्‍यक्ति द्वारा क्रय-विक्रय करना एवं चारा, भूसा का कृत्रिम अभाव उत्‍पन्‍न करने के लिए अनावश्‍यक रूप से संग्रहण करना प्रतिबंधित रहेगा। ईंधन उपयोगी भूसे का स्‍टाक केवल लायसेन्सधारी उद्योग ही स्टाक कर सकेगा और इसकी सुरक्षा की जवाबदारी उस लायसेन्स धारी की रहेगी एवं प्रतिबंधित अ‍वधि में जिले के बाहर लेकर जाना प्रतिबंधित रहेगा। यह आदेश सर्व-साधारण आम जनता को संबोधित है, और इसकी तामिली प्रत्‍येक व्‍यक्ति पर सम्‍यकरूपण करना और उसकी सुनवाई संभव नहीं है अत: दंड संहिता 1973 की धारा 144(2) के त‍हत यह आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया जाता है। इस आदेश का उल्‍लंघन करने वाले व्‍यक्ति के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा-188 के अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी।

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