रेहटी। बुधनी विधानसभा में आगामी दिनों में होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा में एक अनार-सौ बीमार वाली स्थितियां बनने लगी हैं। टिकट के दावेदारों में जहां इस समय दिग्गज नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं तो वहीं अब त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य के लिए मैदान में उतरे भाजपा के वरिष्ठ नेता आसाराम यादव ने भी अपनी दावेदारी ठोकी है। हालांकि वे जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गए थे। दावेदारी को पुख्ता करने के लिए उन्होंने अपने गृह ग्राम सेमरी में शक्ति प्रदर्शन करने के लिए जनता का दरबार भी लगाया। इस दौरान सामाजिक लोगों सहित अन्य लोगों को इकट्ठा करके मीडिया के सामने अपनी दावेदारी भी पेश कर दी है। हालांकि शिवराज सिंह चौहान की विरासत बुधनी विधानसभा के लिए इस समय जहां पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव, कार्तिकेय सिंह चौहान, जिलाध्यक्ष रवि मालवीय, वरिष्ठ नेता गुरूप्रसाद शर्मा, नगर परिषद भैरूंदा अध्यक्ष मारूति शिशिर सहित कई अन्य नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं तो वहीं अब एक और दावेदार इस सूची में शामिल हो गए हैं। हालांकि टिकट का निर्णय पार्टी फोरम पर ही होना है, लेकिन बुधनी में एक अनार-सौ बीमार वाली स्थिति बनने लगी है।
मध्यप्रदेश की बुधनी विधानसभा सीट हमेशा से चर्चाओं में रही है। इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान लंबे समय तक विधायक रहे हैं। वे इसी सीट से जीतकर मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभालते रहे हैं और केंद्रीय मंत्री बनने के बाद उन्होंने बुधनी विधानसभा से अपना इस्तीफा विधानसभा सचिवालय को सौंपा है। अब 6 माह के अंदर बुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव भी होना है। उपचुनाव को लेकर भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा भी चुनाव को लेकर पिछले दिनों सलकनपुर में बैठक कर चुकी है तो वहीं कांग्रेस ने भी सलकनपुर में टिफिन पार्टी के साथ बैठक करके आगामी रणनीतियां तैयार की हैं। इस दौरान अब टिकट के दावेदार भी खुलकर सामने आने लगे हैं।
सुरक्षित सीट पर सबकी नजर-
भाजपा के लिए बुधनी विधानसभा की सीट सबसे सुरक्षित है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 18 साल मुख्यमंत्री रहते हुए बुधनी को पूरी तरह से भाजपा का गढ़ बना दिया है एवं बुधनी की सीट को सबसे सुरक्षित कर दिया है। अब इस सुरक्षित सीट पर भाजपा खेमे से कई दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं। इस सूची में पहले से ही पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव, कार्तिकेय सिंह चौहान, वरिष्ठ नेता गुरूप्रसाद शर्मा, जिलाध्यक्ष रवि मालवीय, भैरूंदा नगर परिषद अध्यक्ष मारूति शिशिर सहित 10-12 दावेदार शामिल हैं तो वहीं अब कई अन्य नेता भी अपनी दावेदारी पेश करने के लिए जुगत लगा रहे हैं। इसके लिए जहां वे अपने आकाओं की शरण में ढोक देने के लिए पहुंच रहे हैं तो वहीं उन्होंने अपने व्यवहार में भी परिवर्तन कर दिया है। अब तक क्षेत्र की जनता के सामने सीना तानकर अकड़ से चलने वाले अब जनता के दरबार में झुकने लगे हैं। इससे साफ है कि उनके मन में अब विधायक बनने के सपने दिखाई देने लगे हैं। हालांकि टिकट किसे मिलेगा यह तो समय पर ही पता चलेगा, लेकिन विधायक बनने के लिए भाजपा नेताओं के इरादे जगजाहिर होने लगे हैं।