बड़ी नेताओं की धड़कन, टिकट को लेकर शुरू हुआ मंथन

- चुनाव की तैयारी कर रहे नेताओं की ज्यादा होगी दौड़, लगेगी होड़

सुमित शर्मा, सीहोर।
मध्यप्रदेश विधानसभा के आगामी चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करके नेताओं की धड़कनों को बढ़ा दिया है। भाजपा द्वारा भोपाल की दो सीटों सहित 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी गई है। इस सूची के बाद अब भाजपा के ऐसे उम्मीदवार जो चुनावी तैयारियां कर रहे हैं उन्हें बल मिल गया है। इसके बाद इन नेताओं की जहां मैदानी दौड़ ज्यादा शुरू हो जाएगी तो वहीं अब उनमें आगे बढ़ने की होड़ भी लगेगी। सीहोर जिले की विधानसभा सीटों पर भी ये स्थिति देखने को मिलेगी। सीहोर जिले में सीहोर सहित आष्टा, इछावर, बुधनी चार विधानसभा सीटें आती हैं। सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा सीट पर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद चुनाव लड़ते हैं और यहां से उनकी जीत भी पक्की ही होती है। हां हार-जीत का अंतर जरूर कम-ज्यादा होता है, लेकिन उनकी जीत की यहां से ग्यारंटी होती है। अब बची सीहोर, आष्टा और इछावर विधानसभा सीट पर जरूर इस बार कश्मकश की स्थिति बनी हुई है।
सीहोर विधानसभा सीट से इनकी प्रबल दावेदारी-
सीहोर जिले की सीहोर विधानसभा पर भाजपा में जहां वर्तमान विधायक सुदेश राय की प्रबल दावेदारी है तो वहीं यहां से इस बार भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा की भी पुख्ता दावेदारी सामने आ रही है। विधायक सुदेश राय चुनावी तैयारियों के बीच गांव-गांव पहुंचकर कई विकास एवं निर्माण कार्यों की सौगातें दे रहे हैं, लोगों से वादा कर रहे हैं और उन्हें निभाने का वचन भी दे रहे हैं। वे लगातार ग्रामीण क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं तो वहीं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा भी लगातार सीहोर विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर हैं। वे सीहोर विधानसभा के गांव-गांव में घर-घर जाकर लोगों से मेल-मुलाकात कर रहे हैं तो वहीं उनकी समस्याओं का निराकरण भी करवा रहे हैं। वे लगातार धार्मिक, सामाजिक कार्यों में शिरकत करके अपनी उपस्थिति भी दर्ज करवा रहे हैं। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा ने पिछले दिनों सीहोर में बड़ा कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करके अपनी दावेदारी भी पेश कर दी है। बताया जा रहा है कि भाजपा द्वारा जो सर्वे कराए गए हैं उनमें वर्तमान विधायक सुदेश राय की स्थिति बेहतर सामने नहीं आ रही है। यदि पार्टी टिकट बदलेगी तो भाजपा से जसपाल सिंह अरोरा को टिकट मिलना तय माना जा रहा है। इधर सीहोर विधानसभा सीट पर अंदरूनी तैयारियां नगर मंडल अध्यक्ष एवं नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर की भी चल रही हैं। वे एवं उनकी टीम लगातार सीहोर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाके में सक्रिय है। यदि टिकट को लेकर ज्यादा माथापच्ची हुई तो पार्टी प्रिंस राठौर के नाम पर भी विचार कर सकती है। फिलहाल पार्टी द्वारा उम्मीदवारों का फीडबैक लेने के लिए महाराष्टÑ, रीवा सहित अन्य राज्यों से वहां के विधायक प्रदेश में आए हुए हैं। इन विधायक को प्रदेशभर सहित सीहोर जिले की विधानसभा सीटों पर पहुंचकर पार्टी उम्मीदवारों की स्थिति का जायजा लेने की जिम्मेदारियां सौंपी गर्ईं हैं।
इछावर पर भी सशंय, लगातार सामने आ रहा है विधायक का विरोध-
इस बार भाजपा की इछावर सीट पर भी सशंय बना हुआ है। इछावर विधानसभा सीट से भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री करण सिंह वर्मा विधायक हैं, लेकिन इस बार उनका खुलकर विरोध हो रहा है। ग्रामीण लगातार उनका विरोध जता रहे हैं। क्षेत्र में विकास कार्य भी नहीं हुए हैं। गांवों की सड़कें भी नहीं बनी हैं। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में रह रहे क्षेत्रवासी इस बार उनका खुलकर विरोध कर रहे हैं। इधर इछावर सीट से कांग्रेस के शैलेंद्र पटेल की भी पुख्ता तैयारियां हैं, लेकिन भाजपा के पास उनसे मुकाबला करने वाला कोई ऐसा दूसरा उम्मीदवार नहीं है। इछावर विधानसभा पर हमेशा जातिगत आधार पर ही चुनावी निर्णय होते रहे हैं। इस क्षेत्र में खाती समाज का बाहुल्य है और हमेशा जीत भी इसी वर्ग के उम्मीदवार की होती रही है। यहां से 2013 के विधानसभा चुनाव में शैलेंद्र पटेल ने जीत दर्ज कराई थी, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें करण सिंह वर्मा से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इस बार करण सिंह वर्मा का जमकर विरोध हो रहा है। ऐसे में भाजपा के पास उनके मुकाबले कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं है।
आष्टा विधानसभा में भी होगी कश्मकश-
इस बार विधानसभा चुनाव में आष्टा विधानसभा सीट से भी भाजपा में टिकट को लेकर जमकर कश्मकश की संभावनाएं हैं। दरअसल वर्तमान विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय हैं तो वहीं अब इंजीनियर गोपाल सिंह भी भाजपा में हैं। अब तक विधानसभा चुनाव में रघुनाथ सिंह मालवीय सहित अन्य भाजपा उम्मीदवारों के सामने कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर इंजीनियर गोपाल सिंह चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन वे जीत दर्ज नहीं करा सके। त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव से ऐनवक्त पहले उन्हें भाजपा ने अपने पाले में लाकर बड़ा दांव खेला था। इस बार वे भी भाजपा से टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। वे चुनावी तैयारियों को लेकर क्षेत्र में सक्रिय भी हैं और लगातार दौरा भी कर रहे हैं। इस बार वे भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में फिर से उतर सकते हैं। फिलहाल रघुनाथ सिंह मालवीय एवं इंजीनियर गोपाल सिंह में टिकट को लेकर तैयारियां चल रही हैं।
बुधनी में एकतरफा होता है मुकाबला-
सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा सीट ऐसी है, जहां पर चुनावी मुकाबला एकतरफा ही नजर आता है। यहां से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव मैदान में उतरते हैं। वे लगातार यहां से जीत दर्ज कराकर विधानसभा में पहुंच रहे हैं और मुख्यमंत्री पद का दायित्व निभा रहे हैं। इस बार भी चुनाव में उनकी जीत पक्की है। यहां से कोई दूसरा उम्मीदवार अपनी दावेदारी भी नहीं जताता है, क्योंकि मुख्यमंत्री खुद यहां से उम्मीदवार होते हैं। इस बार कांग्रेस से जरूर मुख्यमंत्री के सामने कोई स्थानीय प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में उतरेगा। इसकी तैयारियां भी जोर-शोर से हैं। कांग्रेस यहां से स्थानीय प्रत्याशी एवं सेलीब्रिटी विक्रम मस्ताल शर्मा को मुख्यमंत्री के सामने चुनाव मैदान में उतार सकती है। फिलहाल चुनावी तैयारियों को लेकर भाजपा, कांगे्रस दोनों मैदान में है, लेकिन यह तय है कि बुधनी के अलावा सीहोर जिले की अन्य सीटों पर टिकट को लेकर कश्मकश देखने को मिलेगी।