
सीहोर। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए जिस तरह जोश और होश की जरूरत होती है, उसी तरह भागवत श्रवण में भी जोश के साथ होश भी जरूरी है। भागवत कथा भक्त और भगवान के एकाकार होने का सेतु है। लगातार 24 सालों से सभी महिलाओं के सहयोग से एक ही स्थान पर कथा सुनने का आनंद ही अलग है। आप लोगों के प्रेम, स्नेह और सहयोग से भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। उक्त विचार शहर के बड़ा बाजार स्थित अग्रवाल धर्मशाला में जारी सात दिवसीय भागवत कथा के तीसरे दिन भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहे। इस मौके पर यहां पर शामिल सैकड़ों श्रद्धालुओं को डोल ग्यारस के पावन अवसर पर डेढ़ क्विंटल से अधिक फलहारी प्रसादी का वितरण किया। उन्होंने कहा कि यह कथा केवल कथा नहीं जीवन की व्यथा को दूर करने का सबसे सरल माध्यम है. दुनिया में एकमात्र भागवत ही ऐसी रचना है जो नित्य नूतन अनुभूति प्रदान करती है। हजारों बार सुनने के बाद भी भागवत हर बार नूतन आनंद देती है। भक्त और भगवान को जोडने का काम भागवत रूपी सेतु से ही संभव है।
कुबेरेश्वर धाम होने से शहर में बढ़ रोजगार के अवसर
भगवान भोलेनाथ का जहां भी स्मरण होता है, पूजा अर्चना की जाती है, उस क्षेत्र की उन्नति और प्रगति होने लगती है। भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कुबेरेश्वरधाम की महिमा होने से शहर के रोजगार और विकास की रफ्तार आगे बढ़ रही हे, शहर का नाम देश में रोशन हो रहा है। जहां आटो, ठेले आदि वालों का व्यापार में इजाफा हो रहा है। जहां भी श्रद्धालु आते है। इन श्रद्धालुओं की आस्था शिव में है। कथा के तीसरे दिन अंत में वामन अवतार की झांकी सजाई गई। इस मौके पर वर्णन करते हुए बताया कि वामन अवतार कथानुसार देव और दैत्यों के युद्ध में दैत्य पराजित होने लगते हैं। पराजित दैत्य मृत एवं आहतों को लेकर अस्ताचल चले जाते हैं और दूसरी ओर दैत्यराज बलि इंद्र के वज्र से मृत हो जाते हैं। तब दैत्यगुरु शुक्राचार्य अपनी मृत संजीवनी विद्या से बलि और दूसरे दैत्य को भी जीवित एवं स्वस्थ कर देते हैं। राजा बलि के लिए शुक्राचार्य जी यज्ञ करते हैं तथा अग्नि से दिव्य रथ, बाण, अभेद्य कवच पाते हैं इससे असुरों की शक्ति में वृद्धि हो जाती है और असुर सेना अमरावती पर आक्रमण करने लगती है। कहा कि वामन अवतारी श्रीहरि, राजा बलि के यहां भिक्षा मांगने पहुंच जाते हैं आदि का विस्तार से बताया।
मनाया जाएगा उत्साह के साथ भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव
अग्रवाल महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती ज्योति अग्रवाल ने बताया कि सात दिवसीय भागवत कथा के चौथे दिवस बुधवार को भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा के साथ भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव आस्था और उत्साह के साथ मनाया जाएगा।



