भैरूंदा सिविल अस्पताल : डॉक्टर-नर्सों की लापरवाही ने छीना दो मासूमों से मां का साया

महिला को डिलेवरी के लिए भर्ती कराया था, लेकिन डॉक्टर, नर्स परिजनों को करते रहे गुमराह

भैरूंदा। सीहोर जिले का भैरूंदा सिविल अस्पताल हमेशा अपनी कारगुजारियों को लेकर चर्चाओं में रहता है। कभी यहां पर भ्रष्टाचार और मनमानी के किस्से सामने आते हैं तो ईलाज में लापरवाही यहां पर आए दिन होती है। पिछले दिनों सिविल अस्पताल भैरूंदा में निर्माण कार्य के चलते एक मजदूर की मौत हो गई तो वहीं अब यहां के डॉक्टर और नर्सों की लापरवाही के कारण दो मासूम बेटियों के सर से मां का साया ही छिन गया। डिलेवरी के लिए लाई गई महिला और उसके नवजात बच्चे ने दम तोड़ दिया। अब जिम्मेदारी मामले को दबाने में लगे हुए हैं, जबकि यहां पर डॉक्टर और नर्सों की घोर लापरवाही सामने आई है। परिजनों का आरोप है कि 12 घंटे तक डॉक्टर, नर्स गुमराह करते रहे कि डिलेवरी होनी वाली है, जबकि 12 बजे महिला और उसके नवजात बच्चे ने दम तोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार ममता पति मनफूल उम्र 35 वर्ष निवासी निरखी तहसील सिवनी मालवा जिला होशंगाबाद गर्भवती थी। वह पिछले चार महीने से अपने मायके ग्राम तजपुरा तहसील भैरूंदा जिला सीहोर में रह रही थी। रविवार को ममता पति मनफूल को दर्द होने पर परिजन भैरूंदा स्थित सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां पर सुबह 11 बजे महिला को भर्ती कराया गया। इसके बाद ड्यूटी डॉक्टर एवं नर्सों ने उसका इलाज शुरू किया। परिजना बार-बार डॉक्टर और नर्सों से पूछते रहे कि क्या स्थिति है और डिलेवरी कब तक होगी, इस पर डॉक्टर, नर्स उन्हें बताते रहे कि बस थोड़ी देर में होने वाली है। इसके बाद रविवार रात करीब 12 बजे महिला को डिलेवरी हुई। डिलेवरी के दौरान महिला के मुंह से झाग निकला और कुछ देर बाद उसने दम तोड़ दिया। नवजात की भी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर एवं नर्सों की लापरवाही के कारण उनकी बेटी की मौत हुई है। रविवार को दोपहर 12 बजे से रात 12 बजे तक डॉक्टर और नर्स गुमराह करते रहे। यदि वे समय से बता देते तो हम बेटी को लेकर कहीं बाहर चले जाते। डॉक्टर और नर्सों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
अब दे रहे सफाई, नहीं कराई सोनोग्राफी-
ममता पति मनफूल निवासी निरखी जिला नर्मदापुरम पिछले करीब चार माह से अपने मायके तजपुरा जिला सीहोर में रह रही थी। इस दौरान उसकी जांच आंगनवाड़ी में होनी चाहिए थी, लेकिन सिविल अस्पताल की नर्स स्टाफ का कहना है कि खून की जांच नहीं कराई गई और न ही सोनोग्राफी कराई गई। अब सवाल उठता है कि लापरवाही आंगनवाड़ी की एनएम से लेकर सुपरवाइजर की है या फिर 12 घंटे तक मरीज के परिजनों को गुमराह करने वाले डॉक्टर और नर्सों की है। डॉक्टर और नर्स परिजनों को लगातार गुमराह करते रहे, लेकिन उन्होंने स्थिति साफ नहीं की। इसके बाद जब महिला और उसके नवजात की मौत हो गई तो अब मामले को रफा-दफा करने में जुट गए। मामले को दबाने के लिए महिला और उसके नवजात के शव को रात 2 बजे पोस्टमार्टम रोम में रखवा दिया। सुबह 11 बजे टक पोस्टमार्टम नहीं हुआ, क्योंकि कोई महिला डॉक्टर नहीं आई थी। परिजन इधर से उधर भटकते रहे, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा।मृतक ममता के परिजनों ने बताया कि ममता की पहले दो छोटी-छोटी बेटियां हैं। एक दिव्यांशी उम्र 4 वर्ष एवं दिवांशी उम्र 2 वर्ष। दो बेटियों के बाद बेटा हुआ था, लेकिन अब दोनों बेटियों के सर से मां का साया ही छिन गया। इतने बताते हुए परिजनों की आंखों में जमकर आंसू आ गए।
जिम्मेदार बने लापरवाह, भटकते रहे परिजन-
सोमवार को सुबह जब परिजन पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टरों के पास पहुंचे तो उन्होंने बताया कि अभी महिला डॉक्टर नहीं आई है। सुबह 11 बजे तक महिला डॉक्टर नहीं आने से पोस्टमार्टम नहीं हो सका। परिजन इधर से उधर भटकते रहे। इसके बाद डॉक्टर आए फिर महिला एवं नवजात का पोस्टमार्टम हो सका। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए। इस मामले में भैरूंदा पुलिस जांच में जुट गई है।
भैरूंदा सिविल अस्पताल में निर्माण कार्य के दौरान दीवार गिरने से मजदूर की मौत
इधर पिछले दिनों भैरूंदा सिविल अस्पताल में निर्माण कार्य के चलते दीवार गिरने से मजदूर रामनिवास बकरिया पिता कचरूलाल उम्र 42 वर्ष निवासी तलाई मोहल्ला बजरंग कुटी रोड भैरूंदा की भी मौत हो गई थी। पुलिस ने मामला कायम का जांच शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक भैरुंदा के सिविल अस्पताल भवन का निर्माण कार्य लगातार चल रहा है। पिछले दिनों अस्पताल के सामने वाले हिस्से में एक दीवार गिरने से यहां पर काम कर रहे मजदूर की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दीवार सीधे मजदूर के सिर पर गिरी, जिससे उसका ब्रेन फट गया। डॉक्टर ने मजदूर को मौके पर ही मृत घोषित कर दिया। सिविल अस्पताल की ड्राइंग बदलने पर ठेकेदार के द्वारा यहां पर दीवार को तोड़कर पुनः दूसरा निर्माण किया जा रहा था। दीवार को मजदूर तोड़ रहा था, लेकिन इसी दौरान दीवार भरभरा कर उसी के ऊपर आकर गिर गई। मामला देर शाम का होने से मृतक का पीएम नहीं हो पाया। इस मामले में थाना प्रभारी घनश्याम दांगी ने बताया कि सिविल अस्पताल में दीवार गिरने से एक मजदूर की मौत होने की जानकारी मिलने पर अस्पताल में जाकर मौका मुआयना किया गया। इस मामले में मामला दर्ज कर लिया गया है। पीएम रिपोर्ट आने के उपरांत आगे की जांच की जाएगी।
इनका कहना है-
डिलेवरी के लिए महिला को रविवार अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ड्यूटी डॉक्टर एवं नर्सों ने इलाज शुरू किया। इसके बाद इलाज के दौरान महिला एवं नवजात की मौत हो गई। रात करीब 12 बजे सूचना मिलने पर पहुंचकर स्थिति देखी। पोस्टमार्टम कराया गया है। डॉक्टर एवं नर्सों को नोटिस जारी किया गया है।
– डॉ मनीष सारस्वत, बीएमओ, सिविल अस्पताल भैरूंदा, जिला-सीहोर

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