स्वास्थ्य विभाग की बीपीएम 6 हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ाई

- भैरूंदा सिविल अस्पताल में विकासखंड कार्यक्रम अधिकारी एवं प्रभारी लेखापाल के पद पर थी पदस्थ, शिकायत के बाद हुई कार्रवाई

सीहोर। भ्रष्टाचार को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहने वाले स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अब रिश्वत लेते हुए भी रंगे हाथों पकड़ा रहे हैं। ऐसा ही मामला सीहोर जिले के भैरूंदा सिविल अस्पताल का भी आया है। यहां पर स्वास्थ्य विभाग की विकासखंड कार्यक्रम अधिकारी एवं प्रभारी लेखापाल निशा अचले को लोकायुक्त पुलिस ने 6 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। बीपीएम निशा अचले सिविल अस्पताल भैरूंदा में पदस्थ थीं। उनकी लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायतकर्ता नर्मदी अश्वारे ने पुलिस अधीक्षक विपुस्था भोपाल को शिकायत दर्ज कराई थी कि उप स्वास्थ्य केंद्र के लिए वार्षिक आवंटन के तहत 50 हजार रूपए एवं 5 हजार रूपए वेलनेस एक्टिविटी के लिए प्राप्त होता है। भैरूंदा विकासखंड में 27 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं, जिनमें बिल वाउचर जमा करने के बदले में विकासखंड कार्यक्रम अधिकारी निशा आंचले द्वारा प्रत्येक उप स्वास्थ्य केंद्र से 2 हजार रूपए की रिश्वत मांगी जाती है। शिकायत के बाद इसकी जांच की गई, जिसमें शिकायत सही पाई गई। इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई को अंजाम दिया है।
घर के बाहर ही ले रही थीं रिश्वत-
लोकायुक्त पुलिस में शिकायत के बाद जांच सही पाए जाने पर डीजी लोकायुक्त योगेश देशमुख के मार्गदर्शन में भोपाल लोकायुक्त इकाई द्वारा ट्रेप टीम का गठन किया गया। टीम में उप पुलिस अधीक्षक दिलीप झारबडे, निरीक्षक उमा कुशवाह, रामदास कुर्मी, नेहा परदेसी, यशवंत, चैतन्य प्रताप सिंह, चालक अमित विश्वकर्मा और हिम्मत सिंह को शामिल किया गया। इसके बाद टीम ने रात को निशा अचले के घर के आसपास पोजीशन संभाली। इसी दौरान टीम ने बीपीएम निशा अचले को उसके घर के बाहर ही 6 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों ट्रैप किया। आरोपी निशा अचले के विरुद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
देर रात तक चलती रही लोकायुक्त की कार्रवाई-
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो लोकायुक्त पुलिस ने रात 9 से 10 बजे के बीच बीपीएम निशा अचले को उसके घर के बाहर ही रिश्वत लेते हुए दबोचा। इसके बाद टीम निशा अचले को रेस्ट हाउस लेकर पहुंची। यहां पर देर रात तक लोकायुक्त टीम ने कार्रवाई की। हालांकि इस दौरान बीपीएम निशा अचले लगातार सफाई देती रहीं, लेकिन वे अपने को दोषमुक्त सिद्ध नहीं कर सकी। समाचार लिखे जाने तक बीपीएम निशा अचले पर कोई भी विभागीय कार्रवाई नहीं हो सकी थी। इस संबंध में विकासखंड मेडिकल ऑफिसर डॉ. मनीष सारस्वत ने बताया कि बीपीएम निशा अचले एनआरएचएम से पदस्थ थीं। उन पर कार्रवाई भी वहीं से होगी। अभी तक लोकायुक्त पुलिस ने उनके पास में कुछ भी लिखित में नहीं आया है।

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