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ब्राह्मण समाज ने मनाया श्रावणी उपाकर्म, पंचगव्य और वैदिक मंत्रों से किया सिंचन

सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी सर्व ब्राह्मण समाज के तत्वाधान में सीहोर के कस्बा स्थित हनुमान फाटक के पास सीवन नदी के तट पर श्रावणी पर्व पर यजुर्वेदी व अर्थवेदी ब्राह्मणों ने श्रावणी उपाकर्म श्रावण पूर्णिमा पर श्रद्धापूर्वक मनाया। हिमाद्री संकल्प स्नान के बाद पुरोहितों, ब्राह्मणों ने यज्ञोपवीत और रक्षा सूत्रों का संधान किया। इस मौके पर ब्राह्मण समाज के कार्यकारी अध्यक्ष सुदीप व्यास सहित अन्य विप्रजनों ने आचार्य पृथ्वी वल्लभ दुबे के मार्गदर्शन में दिव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। इधर आष्टा में भी सर्व ब्राह्म्ण समाज द्वारा श्रावणी उपाकर्म का आयोजन किया गया। सीहोर के सर्व ब्राह्मण समाज के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि श्रावणी पूर्णिमा का पर्व ब्राह्मण समाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। रक्षाबंधन पर बुधवार को आचार्य पंडित श्री दुबे के मार्गदर्शन में श्रद्धापूर्वक पर्व मनाया गया। श्रावणी उपाकर्म में ऋग्वेद और अर्थववेद के मंत्रों से पंचगव्य और वैदिक मंत्रों से सिंचन किया गया। इसके बाद भद्रा की समाप्ति पर यह रक्षा सूत्र कलाई पर बांधे जाएंगे। उन्होंने बताया कि वैदिक मान्यता के अनुसार श्रावणी पर्व धरती का सबसे प्राचीन पर्व है। वर्णाश्रम व्यवस्था में श्रावणी को ब्राह्मणों के लिए सबसे बड़ा पर्व माना गया है। श्रावणी कर्म के बाद ब्राह्मणों ने नूतन यज्ञोपवीत धारण किए।

आष्टा में भी मनाया श्रावणी पर्व, शामिल हुए विप्रजन-
आष्टा। श्रावण मास की पूर्णिमा पर श्रावणी पर्व मनाया जाता है। आष्टा में भी इस दौरान श्रावणी पर्व का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में नगर केे विप्रजन शामिल हुए। नगर के प्राचीन शंकर मंदिर व मां पार्वती के तट पर नगर पुरोहित पं मनीष पाठक के आचार्यत्व में श्रावणी कार्य संपन्न हुआ। इसमें सबसे पहले प्रायश्चित संकल्प लिया गया। इस दौरान पंचगव्य तथा पवित्र कुश एवं आडिझाड़े से स्नान कर व्रिप्रजनों ने संस्कार किया। पंडित मनीष पाठक ने बताया कि इस दिन जिनका यज्ञोपवीत संस्कार हो चुका है वह पुराना यज्ञोपवीत उतारकर नवीन यज्ञोपवीत धारण करता है। इस संस्कार से व्यक्ति का दूसरा जन्म हुआ माना जाता है। इसी को ध्यान में रखकर विप्र व द्विजजनों ने श्रावणी पर्व पर संकल्प, संस्कार व स्वाध्याय का यज्ञोपवित कार्य संपन्न किया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह इंजीनियर, पार्षद रवि शर्मा, हरेंद्र ठाकुर, संजय दरबार सहित इंजीनियरिंग मित्र मंडल ने आचार्य सहित सभी ब्राह्मणों का सम्मान अपर्णा श्रीफल से किया। कार्यक्रम में नगरपालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाडा ने भी ब्राह्मणों का आशीर्वाद लिया। इस दौरान स्नान, तर्पण के बाद ऋषिपूजन, सूर्य उपासना एवं यज्ञोपवीत पूजन तथा नवीन यज्ञोपवीत आत्मसयंम के लिए धारण किया गया। इसी के साथ विप्र एवं द्विजजनों ने स्वाध्याय कर आहुतियां देकर सप्तऋषयों को नमन किया। बाद में एक-दूसरे को यज्ञोपवीत समर्पित कर वरिष्ठजनों से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस मौके पर पं चंद्रशेखर पंडिया, पं प्रेमनारायण शर्मा, पं हरिनारायण शर्मा, पं कांतिलाल जोशी, पं डीपी जोशी, मुकेश पाठक, सतीश पंडिया, धर्माधिकारी गजेंद्र शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सेवा संघ कमल वैष्णव, नगर अध्यक्ष सेवा संघ निर्मल वैष्णव, वेदप्रकाश पिपलोदिया, डा. दीपेश पाठक, महेंद्र पाठक, उदय श्रोत्रीय, सुनील शर्मा शास्त्री, संतोष दुबे, सुधीर जोशी, संतोष जोशी, शंकर मंदिर महंत राजगीर गिरी, शैलेन्द्र गिरी, गणेश मंदिर महंत विष्णुदास, उज्जवल पंड्या, चेतन पंड्या, प्रियांक पाठक, सार्थक शर्मा, यज्ञ पाठक, दिनेश वैष्णव सहित अन्य विप्रजन उपस्थित रहे।

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