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संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर ब्राह्मणों का फूटा गुस्सा, नारेबाजी कर राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

आष्टा। संत रविदास जयंती के अवसर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने ब्राह्मणों को लेकर जो बयानबाजी की थी उसको लेकर पंडितों का गुस्सा बढ़ गया है। अब यह गुस्सा मौन जुलूस और ज्ञापन के माध्यम से धीरे-धीरे बाहर आ रहा है। ब्राह्मणों पर बयानबाजी करने के मामले में संघ प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ ब्राह्मणों ने मोर्चा खोलते हुए राष्टÑपति के नाम ज्ञापन स्थानीय प्रशासन को सौंपा। इधर सोशल मीडिया पर भी मोहन भागवत के विरुद्ध लोग तरह-तरह की बातें लिख रहे हैं। आष्टा में अखंड ब्राह्मण समाज द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से खंडेलवाल चौराहे पर समाजजनों से एकत्रित होने का आह्वान किया गया था, जिसमें महिला एवं पुरुष भी शामिल रहे। नियत समय से कुछ अंतराल के बाद एक मौन जुलूस नगर के मुख्य मार्ग होता हुआ स्थानीय तहसील कार्यालय पहुंचा, जहां पर ब्राह्मण समाज के लोगों ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के विरुद्ध नारेबाजी की एवं उनसे माफी मांगने की बात कही। राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन तहसीलदार शैलेंद्र द्विवेदी को सौंपा गया, जिसमें मांग की गई थी संघ प्रमुख अपने बयान को लेकर सार्वजनिक रूप से देश के पंडितों से माफी मांगे। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोग इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। इस अवसर पर अखंड ब्राह्मण समाज अध्यक्ष आष्टा दिनेश शर्मा, नवीन शर्मा महासचिव, प्रेमनारायण शर्मा, हरिबाबू शर्मा, राजेन्द्र शर्मा, पुष्पेंद्र उपाध्याय, रामू शर्मा, राजू पाठक, मुकेश पाठक, राजकुमार दुबे, श्याम शर्मा, संजीव दीक्षित, सुनील शर्मा, विनीत त्रिवेदी, दीपराज शर्मा, सूरज व्यास, राज शर्मा बिट्टू, संतोष दुबे, शुभम शर्मा, भविष्य शर्मा, कृष्णा शर्मा, जितेंद्र दुबे, सुधीर जोशी, प्रतिभा उपाध्याय, श्रद्धा उदेनिया, संगीता शर्मा, बीना पुरोहित, कु.माही शास्त्री सहित बड़ी संख्या में ब्राह्मण उपस्थित रहे।

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