रेहटी। प्रसिद्ध तीर्थ स्थल सलकनपुर स्थित मां बिजासन धाम पर श्रद्धालुओं से भरी एक टवेरा गाड़ी भैरव घाटी पर पलटी खा गई। बताया जा रहा है कि गाड़ी में महिलाओं, बच्चों सहित करीब 13 सवारियां बैठी हुई थी, जो मां बिजासन के दर्शन करके नीचे जा रहे थे, तभी भैरव घाट के पास गाड़ी का ब्रेक फेल हो गया और गाड़ी अनियंत्रित होकर पलटी खा गई। बताया जा रहा है कि इस दौरान गाड़ी का ड्राइवर गेट खोलकर नीचे कूद गया। इस घटना में इलाज के दौरान एक श्रद्धालु राकेश पाटिल की मौत हो गई है, वहीं 12 लोग घायल हो गए। इनमें से पांच गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें होशंगाबाद के लिए रेफर कर दिया गया है। हालांकि बाद में अन्य घायल भी रेहटी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से छुट्टी करवाकर अपने वाहन से होशंगाबाद चले गए, ताकि सभी एक ही जगह इलाज करवा सकें।
घटना की सूचना मिलते ही पहुंची पुलिस और स्थानीय लोग-
सलकनपुर से नीचे उतर रही टबेरा गाड़ी के पलटने की सूचना मिलते ही सलकनपुर चौकी प्रभारी भवानी सिंह सिकरवार पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। इस दौरान स्थानीय लोग भी घटनास्थल पर पहुंचे और घायलों को गाड़ी में से बाहर निकाला। ये सभी लोग खरगोन जिले की सनावद तहसील के गवलगांव के निवासी बताए जा रहे हैं। दुर्घटना के समय गाड़ी में तीन बच्चों सहित कुल 13 लोग थे। इन सभी को रेहटी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। यहां से पांच गंभीर लोगों को होशंगाबाद के लिए रेफर कर दिया गया। सलकनपुर चौकी प्रभारी भवानी सिंह सिकरवार ने बताया कि सभी श्रद्धालु खरगोन जिले के सनावद तहसील के हैं, जिनमें एक श्रद्धालु की मौत हो गई है। घायलों का होशंगाबाद में इलाज किया जा रहा है।
फिर उठे टैक्सियों की मनमानी पर सवाल-
सलकनपुर में आए दिन हादसे हो रहे हैं। पिछले दिनों भी भैरव घाटी पर एक भयानक हादसा हुआ था, जिसमें भोपाल निवासी एक परिवार के आधा दर्जन लोगों की जान चली गई थी। हादसों के बाद टैक्सियों की फिटनेस पर भी सवाल उठाए गए थे, लेकिन फिर मामला रफा-दफा हो गया था। अब एक बार फिर से टैक्सियों की मनमानी पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार जब टबेरा गाड़ी में इतनी सवारियां नहीं बैठती है तो फिर इतनी सवारियों से भरी गाड़ी को उपर तक क्यों जाने दिया। यहां पर जांच क्यों नहीं की जा रही है। आखिरकार कब तक श्रद्धालुओं की जान के साथ खिलवाड़ किया जाता रहेगा। यहां पर धड़ल्ले से अनफिट गाड़ियों का संचालन किया जा रहा है। इन गाड़ियों की जांच भी आरटीओ द्वारा नहीं की जा रही है। आरटीओ द्वारा ही इन गाड़ियों को फिटनेस जारी किया जा रहा है। यदि समय रहते यहां चल रही कंडम गाड़ियों को नहीं हटाया गया तो भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं होती रहेंगी।