बुधनी उपचुनाव… ’मतगणना’ से पहले ’मनगणना’, बढ़ी हुईं हैं धड़कनें…
सुमित शर्मा, सीहोर
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सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा में 13 नवंबर को उपचुनाव के लिए मतदान हो चुका है। जिला प्रशासन के सार्थक प्रयासों से बुधनी उपचुनाव में 77.07 प्रतिशत वोटिंग हुई। मतदान प्रतिशत बेहतर रहा है और अब सभी को 23 नवंबर का इंतजार है। 23 नवंबर को मतगणना है, लेकिन इस ’मतगणना’ से पहले राजनीतिक दलों सहित राजनीतिक विशेषज्ञों व राजनीतिक पंडितों की ’मनगणना’ भी यहां पर चल रही है। चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशियों की धड़कनें भी बढ़ी हुईं हैं। सभी अपने-अपने आंकलन कर रहे हैं एवं मतदान प्रतिशत के आधार पर अपनी जीत का अनुमान लगा रहे हैं। फिलहाल सभी को 23 नवंबर का इंतजार करना होगा।
बुधनी विधानसभा में उपचुनाव के दौरान 19 प्रत्याशियों के बीच में मुकाबला हुआ। हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा के रमाकांत भार्गव एवं कांग्रेस के राजकुमार पटेल के बीच में था। बुधनी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी सहित अन्य दलों ने भी अपने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा था। बुधनी उपचुनाव में 77.07 प्रतिशत मतदान हुआ है। बुधनी विधानसभा में कुल 2,76,397 मतदाता हैं, जिनमें 1,43,111 पुरुष मतदाता, 1,33,280 महिला मतदाता, 6 अन्य मतदाता तथा 194 सर्विस मतदाता हैं। इनमें से करीब 2 लाख 17 हजार मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। बंपर मतदान से जहां जिला प्रशासन संतुष्ट नजर आया तो वहीं भाजपा के चेहरे पर भी खुशी दिखी। अब तक हुए चुनावों में देखा गया है कि मतदान प्रतिशत बेहतर होता है तो चुनावी नतीजे सरकार के पक्ष में ही जाते हैं। ऐसे में भाजपा की जीत तय मानी जा रही है। हालांकि कांग्रेस भी अपनी जीत के दावे कर रही है।
राजनीतिक विशेषज्ञ व राजनीतिक पंडित ऐसे लगा रहे अनुमान –
बुधनी उपचुनाव में लगभग 2 लाख 17 हजार मतदाताओं ने वोटिंग की है। राजनीतिक विशेषज्ञ एवं राजनीतिक पंडित अनुमान लगा रहे हैं कि बुधनी विधानसभा में हुए पिछले दो-तीन चुनावों में कांग्रेस को जो वोट मिला है उसके आधार पर कांग्रेस की 60 हजार परंपरागत वोट है। यह वोट कांग्रेस को लगातार मिलता रहा है। इसके अलावा इस बार सामाजिक फैक्टर भी जमकर चला है। ऐसे में किरार समाज के करीब 15 से 17 हजार मतदाताओं में भी वोटर बंट गए। राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार 8 से 10 हजार वोट कांग्रेस के पक्ष में हो सकता है। इसी तरह राजपूत समाज से भी अजय सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में थे। समाजवादी पार्टी से अर्जुन आर्य मैदान में थे। अन्य पार्टियों के भी प्रत्याशी मैदान में थे। राजनीतिक विशेषज्ञों एवं पंडितों के अनुमान के मुताबिक 17 हजार वोट निर्दलीय, समाजवादी पार्टी, आप, नोटा सहित अन्य दलों के प्रत्याशियों को मिल सकते हैं। ऐसे में 2 लाख वोट में से कांग्रेस को यदि 80 हजार वोट भी मिलते हैं तो भाजपा प्रत्याशी रमाकांत भार्गव की जीत बड़े अंतर से तो नहीं, लेकिन 20 से 30 हजार के अंतर से तय मानी जा रही है। राजनीति विशेषज्ञ यह अनुमान भी लगा रहे हैं कि जीत का अंतर ज्यादा भी हो सकता है, क्योंकि 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की जीत भी एक लाख 4 हजार 974 वोटों से हुई थी। लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा प्रत्याशी शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा में डेढ़ लाख से अधिक वोटों से जीते थे, ऐसे में यदि उपचुनाव में जीत का अंतर कम भी हुआ तो कितना कम होगा। हालांकि राजनीतिक पंडित यह भी मान रहे हैं कि कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार पटेल के पक्ष में भी माहौल बेहतर था, लेकिन उपचुनावों में जीत का सेहरा सत्ताधारी दल के माथे पर ही बंधता है। छिंदवाड़ा उपचुनाव में भी भाजपा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ के गढ़ से सीट जीती थी। बुधनी तो केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं भाजपा का हमेशा से गढ़ रहा है। ऐसे में भाजपा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है। कांग्रेस भी जीत के दावे कर रही है। स्थितियां चुनाव नतीजे सामने आने के बाद ही साफ होगी, लेकिन इस दौरान चुनावी चर्चाओं का दौर लगातार जारी है।
बुधनी उपचुनाव में इनके बीच था मुकाबला –
रमाकांत भार्गव भाजपा, राजकुमार पटेल कांग्रेस, दिनेश कुमार जैन राष्ट्रीय जन आवाज पार्टी, प्रदीप कुमार निर्दलीय, गजराज सिंह निर्दलीय, योगेश कुमार साहू आम आदमी पार्टी, भीम सिंह निर्दलीय, अजय सिंह निर्दलीय, दिलीप सिंह आजाद समाज पार्टी (कांशीराम), दुर्गा प्रसाद सेन निर्दलीय, साधना भारतीय आदिवासी पार्टी, राजकुमार गौर निर्दलीय, विवेक दुबे निर्दलीय, सुधीर कुमार निर्दलीय, सुजीत निर्दलीय, रामपाल भुसारिया निर्दलीय, आरती शर्मा निर्दलीय, आनंद कुमार श्याम राष्टीय गोंडवाना पार्टी, अभिषेक चौधरी राईज टू रिकॉल पार्टी, पंकज मौर्य जयप्रकाश जनता दल, अर्जुन आर्य समाजवादी पार्टी, रामप्रसाद पटेल क्रांति जनशक्ति पार्टी एवं निर्दलीय, अब्दुल रशीद निर्दलीय एवं धर्मेंद्र सिंह पंवार ने राईट टू रिकॉल पार्टी से नामांकन दाखिल किया था।
363 बूथों पर हुए मतदान –
बुधनी उपचुनाव में 363 मतदान केंद्र बनाए गए थे। इनमें से कई मतदान केंद्र तो ऐसे थे, जिनमें 95 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। इन मतदान केंद्रों में सुधानिया 97.07, बनेटा 97.08, पहाड़खेड़ी 98.34, अकोला 98.10, शाहगंज 97.92, परसवाड़ा 93.84 सहित कई मतदान केंद्र प्रमुख है। ज्यादातर मतदान केंद्रों पर 75 प्रतिशत से अधिक ही मतदान हुआ है। ऐसा कोई भी मतदान केंद्र नहीं था, जिसमें 60 प्रतिशत से कम मतदान हुआ हो।
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