
सीहोर। बुधनी नगर परिषद द्वारा नवनिर्मित शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में नियमों की खुली अनदेखी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां नीलामी के माध्यम से आवंटित दो अलग-अलग दुकानों के बीच की दीवार को नियम विरुद्ध तरीके से तोडक़र उन्हें एक बड़ा हॉल बनाया जा रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि प्रशासन की पूर्व चेतावनी और नोटिस के बावजूद दुकानदार ने इस अवैध संरचनात्मक बदलाव को अंजाम दे दिया, जिससे नगर परिषद की साख पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार यह विवाद करीब एक महीने पुराना है। संबंधित दुकानदार ने पहले भी दीवार तोडऩे का प्रयास किया था, लेकिन उस समय मीडिया की सक्रियता के बाद नगरीय प्रशासन ने आनन-फानन में काम रुकवाकर नोटिस जारी किया था। चर्चा है कि उस समय रसूखदारों के दबाव में मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की गई थी, लेकिन प्रशासन की इस सुस्ती का फायदा उठाते हुए बुधवार दोपहर को दुकानदार ने पूरी दीवार को जमींदोज कर दिया।
पहले भी हो चुका है ऐसा विवाद
यह इस कॉम्प्लेक्स में पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी एक अन्य दुकानदार ने नियमों के विरुद्ध दुकान के ढांचे में बदलाव करने की कोशिश की थी। उस समय स्थानीय जनप्रतिनिधियों के कड़े विरोध और दबाव के चलते नगर परिषद को झुकना पड़ा था और परिषद ने अपने खर्च या दबाव में दीवार का पुनर्निर्माण करवाया था। अब दोबारा उसी तरह का मामला सामने आने से स्थानीय नागरिकों में आक्रोश है।
क्या कहते हैं नियम
नगर परिषद के नियमों के अनुसार आवंटित की गई सरकारी दुकानों के मूल ढांचे या संरचना में किसी भी प्रकार का बदलाव करना पूरी तरह प्रतिबंधित है। दुकानों को जोडऩा या दीवार तोडऩा आवंटन की शर्तों का उल्लंघन है, जिसके आधार पर दुकान का आवंटन निरस्त भी किया जा सकता है।
कार्रवाई की तैयारी में विभाग
इस पूरे घटनाक्रम पर नगर परिषद के सीएमओ संतोष रघुवंशी का कहना है कि संबंधित दुकानदार को पहले भी नोटिस के जरिए सचेत किया गया था। इसके बावजूद दीवार तोडक़र कार्य करना अनुशासनहीनता और नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मामले में पुन: नोटिस जारी कर नियमानुसार कढ़ी कार्रवाई की जाएगी।
जनता का सवाल: फाइलों में दबेगा या गिरेगी गाज
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि नगर परिषद की सुस्त कार्यप्रणाली ही ऐसे रसूखदारों को बढ़ावा देती है। अब देखना यह है कि क्या नगर परिषद इस अवैध निर्माण को तोडक़र दीवार का पुन: निर्माण कराती है या फिर यह मामला भी पुरानी फाइलों में दबकर रह जाएगा।