बुधनी के कार्तिकेय पार्क को किया जा रहा उजाड़, काटे जा रहे हरे-भरे पेड़

बुदनी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौैहान प्रतिदिन एक पौधा लगाकर पर्यावरण की सुरक्षा का संदेश दे रहे हैं। वे कहीं भी रहे, लेकिन एक पौधा जरूर लगातेे हैैं। मुख्यमंत्री आम लोगों से भी अपील करतेे हैैं कि सभी अपनेे जन्मदिन, अपने बच्चोें के जन्मदिन, शादी की सालगिरह सहित अन्य खुशियों के मौकोें पर एक पौधा जरूर लगाएं, लेकिन उनकी बुदनी विधानसभा के बुदनी नगर में बनाए गए कार्तिकेेय पार्क को यहां के जिम्मेेदार उजाड़ बनाने में लगे हुए हैैं। कार्तिकेेय पार्क में लगे हरे-भरे वृक्षों को काटा जा रहा है।
बुधनी नगर में करीब 15 वर्ष पूर्व नगर परिषद बुधनी के तत्कालीन अध्यक्ष आजाद सिंह राजपूत के मार्गदर्शन में नगर के बीचोंबीच कार्तिकेय उद्यान के नाम से भव्य सुंदर पार्क का निर्माण करवाया था। इसका नाम भी सीएम शिवराज सिंह चौहान के सुपुत्र कार्तिकेय के नाम पर रखा गया था, जिसका लोकार्पण सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किया था। नगर के हर वर्ग के लोगों ने इस कार्य की सराहना की थी, वहीं नगर के मुख्य मार्ग पर होने से यहां से निकलने वाले लोग भी इसकी खूबसूरती की तारीफ करते हैं। तब से इस पार्क में घूमने वाले बड़े बुजुर्ग, महिला और बच्चे यहां पर आकर अपना मनोरंजन करते आ रहे हैं। इस पार्क का निर्माण नगर के बीचोंबीच होने से यहां पर सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाए तो अभी तक कोई घटना भी नहीं हुई, लेकिन अब नगर परिषद की मनमानी के चलते कार्तिकेय पार्क का अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर है। नगर परिषद द्वारा कार्तिकेय उद्यान के सामने पक्की दुकानों का निमार्ण कार्य करवाया जा रहा है। इन दुकानों के निर्माण होने से इसकी खूबसूरती गायब हो जाएगी। दुकानों की आड़ होने से यहां पर अनैतिक गतिविधियां शुरु हो सकती है, वहीं पार्क के बगल से लगे ग्राउंड में कई प्रकार के आयोजन होते हैं, जिसमें सभी वर्ग के लोगों को आयोजन करने में सहूलियत होती है। नगर परिषद द्वारा मैदान में भी दुकानों का निर्माण करवाया जा रहा है, जिसको लेकर स्थानीय लोगों और व्यापारियों में रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि दुकानों का निर्माण अन्य जगह करवाया जाए, जिससे नगर के एकमात्र कार्तिकेय उद्यान की शोभा बनी रहे। हाल ही में कार्तिकेय उद्यान के पास से अंडर ब्रिज की स्वीकृति हुई है, जिसमें माना क्षेत्र के लोगों को आने-जाने में सहूलियत मिलेगी। ऐसे में नगर परिषद द्वारा की जा रही मनमानी से आने वाले विधानसभा चुनाव में असंतोष पैदा हो सकता है।