कैंसर इंश्योरेंस: आधुनिक जीवनशैली और गंभीर बीमारियों के बीच सुरक्षा का मजबूत कवच

– विशेष आलेख: श्री अमरनाथ सक्सेना लेखक बजाज जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड के चीफ टेक्निकल ऑफिसर कमर्शियल
सीहोर। हम सभी का सपना अपने प्रियजनों के साथ एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने का होता है। अक्सर युवावस्था में हम यह मान लेते हैं कि गंभीर बीमारियां हमें नहीं होंगी, लेकिन वास्तविकता इससे अलग है। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो बिना किसी चेतावनी के दस्तक देती है। आधुनिक शोध बताते हैं कि हमारी बदलती जीवनशैली कैंसर के बढ़ते मामलों का एक बड़ा कारण है। ऐसे में समय रहते की गई फाइनेंशियल प्लानिंग भविष्य के बड़े संकट को टाल सकती है।
क्या है कैंसर इंश्योरेंस और यह क्यों है जरूरी
कैंसर इंश्योरेंस एक विशेष हेल्थ प्लान है जिसे केवल कैंसर के इलाज के भारी-भरकम खर्चों को कवर करने के लिए बनाया गया है। यह सामान्य हेल्थ इंश्योरेंस से इस मायने में अलग है कि कैंसर का पता चलते ही पॉलिसीधारक को एकमुश्त राशि प्राप्त होती है।
इस राशि का उपयोग अस्पताल के बिलों के अलावा कीमोथेरेपी, रेडिएशन, सर्जरी, इम्यूनोथेरेपी दवाओं और नर्सिंग केयर जैसे खर्चों में किया जा सकता है। यह पॉलिसी न केवल चिकित्सा खर्चों को कवर करती है, बल्कि रिकवरी के दौरान होने वाले गैर-चिकित्सा खर्चों के लिए भी वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।
बेहतरीन कैंसर कवर चुनने के 4 मुख्य मंत्र
1. नियमित चेकअप के साथ रहें सुरक्षित: बीमारी का जल्द पता चलना ही सफल इलाज की पहली सीढ़ी है। कई इंश्योरेंस कंपनियां अपने प्लान में प्रिवेंटिव हेल्थ चेक अप (जैसे मैमोग्राम, पैप स्मियर, पीएस, टेस्ट) की सुविधा देती हैं। ऐसे प्लान चुनना समझदारी है जो शुरुआती डायग्नोसिस में मदद करें।
2. पर्याप्त सम इंश्योर्ड का चुनाव: कैंसर का इलाज महंगा होता है। विशेषज्ञों के अनुसार पॉलिसी ऐसी होनी चाहिए जो आपके शहर में इलाज के औसत खर्च का कम से कम 1.25 गुना कवर प्रदान करे। यदि आप फैमिली फ्लोटर प्लान ले रहे हैं तो सम इंश्योर्ड और भी अधिक होना चाहिए क्योंकि यह राशि परिवार के सभी सदस्यों के बीच साझा होती है।
3. को.पेमेंट खंड को समझें: कुछ पॉलिसियों में इलाज की लागत का एक हिस्सा ग्राहक को देना पड़ता है को.पेमेंट। विशेषज्ञों की सलाह है कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के लिए बिना को.पेमेंट वाली पॉलिसी ही चुनें, ताकि आर्थिक तनाव बिल्कुल न रहे।
4. प्रतीक्षा अवधि का ध्यान: पॉलिसी खरीदने और उसका लाभ मिलना शुरू होने के बीच के समय को प्रतीक्षा अवधि कहते हैं। अलग-अलग कंपनियों की यह अवधि अलग होती है। यदि परिवार में कैंसर का इतिहास रहा है तो कम प्रतीक्षा अवधि वाली पॉलिसी चुनना और जल्द कवर लेना बुद्धिमानी है।
स्वस्थ भविष्य के लिए जरूरी कदम
कैंसर इंश्योरेंस आपके नियमित हेल्थ प्लान का विकल्प नहीं है, बल्कि यह एक सुरक्षा कवच है जो कैंसर केयर के लिए विशेष आर्थिक ताकत देता है। श्री सक्सेना के अनुसार आज अपने स्वास्थ्य और वित्तीय सुरक्षा पर ध्यान देना भविष्य के अनचाहे तनाव से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है। सुरक्षित भविष्य के लिए सही पॉलिसी के नियमों, लाभों और सीमाओं को ध्यान से पढक़र ही चुनाव करें।

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