
सीहोर। सड़कों पर बेहताशा दौड़ते वाहन, नियमों को दरकिनार करके चलते वाहन और उनके मालिकों, चालकों के लिए अब पुलिस का विशेष अभियान चलेगा। अभियान 8 से 22 सितंबर तक चलाया जाएगा। इस दौरान तेज गति से वाहन चलाने, बिना हेलमेट, सीटवेल्ट वाहन चलाने, नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने, वाहन चलाते समय मोबाइल पर बातचीत करने, शराब पीकर वाहन चलाने, बिना लाइसेंस, बिना फिटनेस, बिना परमिट के वाहन चलाने सहित अन्य नियमों को तोड़ने वालों पर पुलिस का डंडा चलेगा। अभियान को लेकर सीहोर जिला पुलिस ने भी तैयारियां की हैं। दरअसल पुलिस मुख्यालय द्वारा पत्र जारी करके सभी जिलों सहित सीहोर जिला पुलिस अधीक्षक को भी निर्देशित किया गया है कि यातायात नियमों के उल्लंघनकर्ताओं, वाहन चालकों के विरूद्ध 15 दिवसीय विशेष अभियान चलाया जाए। यहां बता दें कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय एवं सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी द्वारा समय-समय पर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के अध्यक्ष ने प्रदेश का दौरा भी किया था। इस दौरान उन्होंने मध्यप्रदेश में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर चिंता जाहिर की थी। मध्यप्रदेश में लगातार सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है, जिसको लेकर अब पुलिस द्वारा विशेष अभियान चलाकर जहां लोगों को जागरूक किया जाएगा तो वहीं नियमों को दरकिनार करके वाहन चलाने वालों को दंडित भी किया जाएगा। अभियान के तहत जिला पुलिस एवं यातायात बल द्वारा जहां वाहनों की चैकिंग की जाएगी तो वहीं सार्वजनिक स्थलों, स्कूलों, कॉलेजों सहित आमजनों को सड़क सुरक्षा तथा यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जाएगा। इस दौरान राहगीर योजना, हिट एंड रन पीड़ित प्रतिकार योजना, केश लैश योजना की भी जानकारी दी जाएगी। इस बार नियमों को तोड़कर वाहन चलाने वालों पर पुलिस का डंडा भी चलेगा, इसलिए नियमों से वाहन चलाकर अपनी एवं परिवार की सुरक्षा करें।
सीहोर में औसतन होते हैं 3-4 हादसे-
प्रदेशभर में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसका प्रमुख कारण लगातार वाहनों का बढ़ना, सड़कों पर गड्ढे, शराब पीकर वाहन चलाना एवं तेज रफ्तार से वाहन चलाना सामने आया है। सीहोर जिले में औसतन तीन से चार हादसे प्रतिदिन होते हैं। यदि आंकड़ों पर गौर करें तो सीहोर जिले के पिछले वर्षों के आंकड़ों में यह सामने आया है कि जिले की सड़कों पर रोजाना औसत तीन हादसे हो रहे हैं। इनमें लोगों की मौतें भी हो रही हैं तो वहीं वे घायल भी हो रहे हैं। हालांकि जिला पुलिस द्वारा समय-समय पर इसके लिए सख्ती बरती जाती है, लेकिन इसके बाद भी हादसों पर रोक नहीं लग पा रही है।
ये है देश की स्थिति-
देशभर मेें सड़क दुर्घटनों को लेकर रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री ने वर्ष 2018 से 2022 के डेटा के आधार पर रोड एक्सीडेंट इन इंडिया-2022 रिपोर्ट जारी की है। इस दौरान देश में 5 साल में सड़क हादसों में 7.77 लाख मौतें हुई हैं। सबसे ज्यादा 1.08 लाख मौतें उत्तर प्रदेश में हुई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में देश में सड़क हादसों में 1,68,491 मौतें हुईं। रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में देश में कुल 4,61,312 सड़क हादसे दर्ज किए गए, जिनमें से 1,55,781 (33.8ः) जानलेवा थे। इन हादसों में 1,68,491 लोगों की मौत हुई और 4,43,366 लोग घायल हुए।