वेयर हाउसों की गड़बड़ी छुपाने के लिए सीसीटीव्ही रिकार्डिंग एवं फुटेज हो रहे डिलीट!
रेहटी तहसील के बोरी कैप के अंतर्गत आने वाले वेयर हाउसों में चल रहा बड़ा खेल

सीहोर। जिले की रेहटी तहसील के बोरी कैप के तहत आने वाले वेयर हाउसों की गड़बड़ियों को छुपाने के लिए इन वेयर हाउसों में लगे सीसीटीव्ही कैमरों की रिकार्डिंग एवं इनके फुटेज भी डिलीट करवाए जा रहे हैं। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि 15 दिन से ज्यादा की रिकार्डिंग नहीं रहती। इन वेयर हाउसों में गड़बड़ियों का बड़ा खेल चल रहा है। ऐसे में इन सभी वेयर हाउसों की जांच होनी चाहिए।
छोटी हार्डडिस्क लगाकर होता है बड़ा खेल-
वेयर हाउस संचालकों द्वारा वेयर हाउसों के बाहर सीसीटीव्ही कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे इनमें लगी शटर के पास लगाए गए हैं, ताकि वेयर हाउस के अंदर आने-जाने वालों की रिकॉर्डिंग हो सके। सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग का रिकार्ड एवं डाटा रखने के लिए हार्डडिस्क लगाई जाती है, लेकिन बताया जा रहा है कि ज्यादातर वेयर हाउसों में कोई भी हार्डडिस्क नहीं लगाई गई है। कहीं-कहीं लगी भी है तो वह छोटी हार्डडिस्क लगी है और उसमें ज्यादा दिनों का डाटा ही सेव नहीं हो पाता है। बताया जा रहा है कि कई वेयर हाउस संचालकों ने इन सीसीटीवी कैमरों को अपने मोबाइलों से कनेक्ट कर रखा है। हालांकि मोबाइल में करीब तीन माह की रिकार्डिंग उपलब्ध रहती है।
मूंग चोरी मामले में भी किया जा रहा गुमराह-
पिछले दिनों रेहटी तहसील के एक वेयर हाउस में 209 मूंग की बोरियों की चोरी के बाद लगातार नए-नए कारनामें सामने आ रहे हैं। इस मूंग चोरी की घटना के बाद कई वेयर हाउसों में लगे सीसीटीव्ही कैमरों की रिकार्डिंग एवं फुटेज डिलीट कराए गए हैं, ताकि यहां हुई गड़बड़ियां उजागर न हो सके। सूत्रों ने बताया कि जिस वेयर हाउस से मूंग की चोरी हुई थी उस वेयर हाउस संचालक ने अब तक पुलिस को सीसीटीव्ही रिकार्डिंग एवं फुटेज उपलब्ध नहीं कराए हैं। इसके चलते पुलिस भी इस हाईप्रोफाइल मूंग चोरी की घटना का खुलासा नहीं कर पा रही है। जांच में पुलिस को लगातार गुमराह किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस मूंग चोरी की घटना को लेकर रेहटी पुलिस द्वारा लगातार तहकीकात की जा रही है, लेकिन पुलिस की जांच अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है।
वेयर हाउसों में चलता है मिलीभगत का खेल-
किसानों के खून, पसीने से पैदा की गई फसलों में किसानों को तो इतना लाभ नहीं मिलता है, लेकिन किसानों से खरीदी करके वेयर हाउसों में रखी जाने वाली फसलों में वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के जिम्मेदारों सहित वेयर हाउस के संचालकों की मिलीभगत का बड़ा खेल चलता रहता है। हर सीजन में लाखों के वारे-न्यारे किए जाते हैं। फसल लिए बिना ही बिल बनाकर जहां सरकार को लाखों-करोड़ों का चूना लगाया जाता है, वहीं किसानों को ठगा जाता है।