Pandit Pradeep Mishra का ऐसे मनाया जन्मदिन, लगाया 50 हजार से अधिक गुलाब जामुन और सात क्विंटल नुक्ति का भोग

अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का देशभर में मनाया जन्मोत्सव

सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी शहर का नाम विश्व पटल पर रोशन करने वाले अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) का जन्मदिन शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में आस्था और उत्साह के साथ मनाया गया। इस मौके पर रविवार को इंदौर, जबलपुर, नागपुर, अमरावती, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश के अन्य क्षेत्रों में आस्थावान श्रद्धालुओं ने पंडित श्री मिश्रा के जन्मदिन को पौधारोपण, रक्तदान और अन्नदान के संकल्प के साथ मनाया। इस मौके पर शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित वृद्धाश्रम पर सुबह श्रद्धा, भक्ति सेवा समिति, जिला संस्कार मंच के पदाधिकारियों ने भजन कीर्तन किया और उसके बाद खीर की प्रसादी का वितरण किया।
जन्मदिन से पहले शनिवार की देर रात्रि से ही जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला लगा हुआ था। भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा के जन्मदिन के अलावा गंगा दशहरा, गायत्री और बटुक भैरवनाथ जयंती होने के कारण सुबह से लेकर देर शाम तक करीब एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं पहुंचे थे। भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा के निर्देशानुसार यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को सुबह से देर रात्रि तक करीब 50 हजार से अधिक गुलाब जमुन और सात क्विंटल नुक्ति का भोग बाबा को लगाकर श्रद्धालुओं को रोटी, सब्जी, खिचड़ी आदि भोजन प्रसादी का वितरण किया। यहां पर विठलेश सेवा समिति के द्वारा यहां पर आने वाले हजारों श्रद्धालुओं को प्रतिदिन निशुल्क रुद्राक्ष वितरण, भोजन प्रसादी और शीतल पेय आदि का वितरण किया जाता है। इस मौके पर समिति की ओर से समीर शुक्ला, पंडित विनय मिश्रा सहित अन्य मौजूद थे।
भगवान शिव की आराधना करने वाला भक्त कभी दुखी नहीं रहता : पंडित प्रदीप मिश्रा

रविवार की सुबह पंडित श्री मिश्रा सुबह दस बजे धाम पर पहुंचे और बाबा के दर्शन के बाद श्रद्धालुओं से मिले। इस मौके पर उन्होंने कहा कि ईश्वर के नाम का दिया कभी अल्प नहीं होता, जो टूट जाए वो दृढ संकल्प नहीं होता। हार को जीत से दूर ही रखना, क्योंकि जीत का कोई विकल्प नहीं होता, अगर दुख आए तो घबराइये नहीं महादेव पर भरोसा रखे। भगवान शिव की आराधना करने वाला भक्त कभी दुखी नहीं रहता। भगवान भोलेनाथ हर भक्त की सुनते हैं। भोले की भक्ति में शक्ति होती है। भगवान भोलेनाथ कभी भी किसी भी मनुष्य की जिंदगी का पासा पलट सकते हैं। बस भक्तों को भगवान भोलेनाथ पर विश्वास करना चाहिए और उनकी प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इंसान कभी भी खराब नहीं होता, उसका समय खराब होता है। इसलिए समय को समझें और ऐसे समय को निकलने दें। यह एक समय चक्र होता है, जो हर इंसान की जिंदगी में आता है। इसलिए ऐसे खराब समय में विवेक से कार्य करें। भगवान भोलेनाथ बहुत भोले हैं, उनको पाने के लिए किसी तंत्र, मंत्र, बहुत साधना और बहुत घंटों की अराधना और पूजा से नहीं, बल्कि केवल एक लोटा जल लेकर भगवान शंकर को समर्पित कर दें और सारी समस्या का हल हो जाएगा।
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