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चैत्र नवरात्रि: सलकनपुर में घट स्थापना के साथ हुई पूजा-अर्चना, बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

- हिन्दी नववर्ष पर मां बिजासन के दर्शन के साथ की शुरूआत

रेहटी। हिन्दी नववर्ष एवं चैत्र नवरात्रि केे पहले दिन मां बिजासन धाम सलकनपुर में शुभ मुहूूर्त मेें घट स्थापना के साथ विशेेष पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान हिन्दी नववर्ष के पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओें ने सलकनपुर पहुंचकर मातारानी के दर्शन करके वर्ष की शुरूआत की। अब नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन लाखोें की संख्या मेें श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे एवं मां बिजासन से आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
चैैत्र नवरात्रि के पहले दिन भोपाल, इंदौर सहित आसपास केे शहरों से बड़ी संख्या मेें श्रद्धालु भक्त यहां पहुंचे। इस दौरान उन्होेंने मां बिजासन से आशीर्वाद प्राप्त किया। नवरात्रि के अवसर पर सलकनपुर में घटस्थापना की गई। ध्वजा चढ़ाई गई। नवरात्रि के पहले दिन सुबह से ही भक्तोें के आने का सिलसिला शुरू होे गया, जो धीरेे-धीरे बढ़ता गया। देर शाम तक भक्तोें के आनेे का क्रम लगातार जारी रहा। इस दौरान पदयात्री भी पहुंचे।
सुरक्षा-व्यवस्था भी चाक-चौैबंद-
नवरात्रि को लेकर जिला एवं पुलिस प्रशासन का अमला भी यहां पर मुस्तैद है। पुलिस की टीमें अलग-अलग जगह पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैैनात की गई है। सीसीटीव्ही कैमरोें से भी निगरानी की जा रही हैै। कलेक्टर प्रवीण सिंह द्वारा भी जिला अधिकारियोें की ड्यूटी यहां पर लगाई गई है। बुदनी एसडीएम राधेेश्याम बघेेल, एसडीओपी शशांक गुर्जर सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी यहां पर मोेर्चा संभाले हुए हैं।
500 वर्षों से जल रही है अखंड जोत-
सीहोेर जिले की रेहटी तहसील स्थित प्रसिद्ध तीर्थ मां बिजासन धाम सलकनपुर में श्रद्धालु-भक्तोें द्वारा अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होेने पर जोत जलाई जाती है। यूं तोे सलकनपुर में 12 माह दो जोत अखंड जलती है। इसमें एक जोेत शुद्ध घी की एवं एक जोत तेल की होती है। ये जोत करीब 500 वर्षों से अखंड जल रही है। घी की जोेत चंद्रमा का स्वरूप है तो वहीं तेल की जोत सूर्य का स्वरूप है। चंद्रमा और सूर्य केे स्वरूप ये दोनोें जोत यहां पर अखंड जल रही है। चैत्र नवरात्रि में यहां पर भक्तोें द्वारा अपनी मनोेकामनाएं पूर्ण होेने पर जोत जलाई गई है। इस बार 125 भक्त, जिनमें पांच अप्रवासी भारतीय भी हैं, जिन्होेंने भी यहां पर जोत जलाई है। इन भक्तोें ने अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होेने पर मातारानी के मंदिर में जोेत जलाई है। कहा जाता है कि यहां पर आकर जो भी भक्त मां बिजासन से मनोकामना करते हैं और फिर उनकी मनोेकामना पूर्ण हो जाती है तो वे यहां पर नौ दिनोें तक जोत जलवाते हैं। इधर कुलदेवी मेहरूगांव मेें भी वर्षों सेे अखंड जोेत जल रही है। यहां पर भी भक्त अपनी मनोेकामनाएं पूर्ण होने पर अखंड जोत जलानेे की मानता मानते हैं और फिर उनकी मानता पूरी होने पर वे यहां पर अखंड जोेत जलवाते हैं। कोई भक्त यहां पर वर्षभर तोे कोई माहभर अखंड जोत जलवाता है।

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