सीएम ने देर रात कलेक्टर-कमिश्नर से की वीडियो कांफ्रेंसिंग, बोले किसी भी हालत में प्रभावित न हों स्वास्थ्य सेवाएं

भोपाल। 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं डॉक्टरों के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित न हो। इसको लेकर प्रदेश के बेहद संवेदनशील मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देर रात कलेक्टर-कमिश्नर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बात की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी हालत में डॉक्टरों की हड़ताल का असर अस्पतालों में आने वाले मरीजों पर न पड़े। उन्हें हर हाल में स्वास्थ्य विधाएं मुहैया कराई जाएं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि स्वास्थ्य सेवाएं अति आवश्यक सेवाओं के अंतर्गत हैं। इसमें अवरोध न आए। आकस्मिक एवं गंभीर सेवाओं का संचालन सुचारु रूप से हो। इसमें कोई कसर नहीं छोड़ें। स्ट्राइक पर जाना अनैतिक है और कार्यवाही का प्रावधान है। मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में आवश्यक व्यवस्थाएं बनाएं, पीजी चिकित्सकों की सेवाएं लें। मुख्यमंत्री देर रात्रि में मुख्यमंत्री निवास से वीसी के माध्यम से सभी जिलों के कलेक्टर्स और कमिश्नर्स को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. सुदाम खाड़े और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्य्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर निर्बाध स्वास्थ्य सेवाएं चलें। इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाएं। कलेक्टर्स, कमिश्नर और मेडिकल कॉलेज के डीन इलाज सुनिश्चित कराने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं बनाएं। गंभीर मरीजों के इलाज में व्यावधान न हो। चिकित्सकों की पर्याप्त व्यवस्था बनाएं। निजी नर्सिंग होम में भी सतत संवाद रहे। पर्याप्त मात्रा में एंबुलेंस की व्यवस्था सतत रहनी चाहिए। आयुष्मान योजना में प्राइवेट अस्पताल में इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंसान की जान बचाने के लिए डॉक्टर्स ही दूसरे भगवान माने जाते हैं। इंसान की जिंदगी से खिलवाड़ न करें। हर जगह व्यवस्था कर लें। मरीजों को चिन्हित कर शिफ्ट करने की कार्यवाही हो। स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित न हों। मरीजों को इमरजेंसी में कोई परेशानी न हो। लोक स्वास्य्ह एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों से पहले से बातचीत हो जाए। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि स्थानीय स्तर पर चिकित्सकों से संवाद कर लें। मुख्यमंत्री ने जिलों के कलेक्टर्स और कमिश्नर्स से चर्चा की और व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की।