
सीहोर। धान खरीदी से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी जिम्मेदारों को सख्त निर्देश दिए थे कि धान खरीदी में कोेई गड़बड़ी न हो, लेकिन सबसेे ज्यादा गड़बड़ी सीहोर जिले के बुदनी, रेहटी तहसील में सामनेे आ रही है। यहां पर सीहोर जिले के बाहर के वेयरहाउसों में रखी हुई धान ट्रॉलियों में भरकर लाई जा रही है औैर मिलीभगत से इसको धान केे तुलाई सेंटरों पर आसानी से तुलवाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह धान प्रतिदिन कई ट्रॉलियों में भरकर लाई जा रही है। साथ ही यह वह धान है जो सरकार पहले ही
किसानों को चूना लगाकर जिम्मेदारोें द्वारा उनकी फसलों में गड़बड़ी करके हर साल करोड़ों का खेल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सख्त निर्देशों के बाद भी यह गड़बड़ी नहीं रूक पा रही है। अब बड़े पैमानेे पर धान खरीदी में धांधली का मामला सामने आया है। यह धांधली रेहटी तहसील केे तुलाई सेंटरोें पर की जा र ही है। सूत्र बता रहे हैं कि सीहोर जिले के पड़ोसी होशंगाबाद जिले के वेयरहाउसों में भंडारित धान को ट्रॉलियों मेें खाली करके रेहटी तहसील के मांजरकुई, रेहटी सहित अन्य तुलाई सेंटरों पर लाकर बेेचा जा रहा है। हर दिन यहां से ट्रॉलियां आ रही हैं औैर उनकी धान की तुलाई की जा रही है। यह धान उन किसानों के खातोें पर चढ़ाई जा रही है, जिन्होंने अपनी धान मंडी में बेच दी या जिन्होंने धान की फसल बोई ही नहीं थी।
स्लॉट बुक करवा चल रही धांधली-
धान खरीदी की इस धांधली मेें ऐसे किसानोें के खातोें केे स्लॉट बुक करवाए जा रहे हैं, जिन्होंने समर्थन मूल्य पर नहीं बिकने वाली धान 1121 वैरायटी, पूसा बासमती वैरायटी सहित अन्य दूसरी किस्में लगाई थी। इन किसानों ने अपनी फसलों कोे तो अच्छे भाव में मंडी में बेच दिया और अब उनकेे खातोें में बाहर से लाई जा रही धान को तुलवाया जा रहा हैै। इसके एवज में किसानों को भी प्रति क्विंटल की दर से कुछ पैसा दिया जा रहा है। यह खेल बड़ेे पैमाने पर जारी है।
48 हजार हेक्टेयर में था धान का रकबा-
दलाल भी सक्रिय-
धान खरीदी के इस खेल में दलाल भी जमकर सक्रिय हैं। इन्होंने भी गांव-गांव घूमकर छोटे किसानों से औने-पौैने दामों में धान खरीद ली और अब उसे समर्थन मूल्य पर बेचकर अच्छा खासा मुनाफा कमा लेंगेे। सरकार द्वारा 2040 रूपए प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य घोषित किया गया है।
इनका कहना है-
अब तक यह मामला संज्ञान में नहीं था। आपके द्वारा बताया गया है तोे इसकी जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई भी की जाएगी।
– पीएन यादव, महाप्रबंधक एवं सीईओ, जिला सहकारी बैंक, सीहोर
हमारी जिम्मेदारी धान की खरीदी के बाद उसके भंडारण की होती है। खरीदी कार्य के लिए अलग-अलग एजेंसियां हैं। ये जानकारी वे ही दे पाएंगे।
– डॉली राठौर, प्रबंधक, मप्र वेयर हाउसिंग कारपोरेशन, बोरी कैप
ये जानकारी आपसे मिल पा रही है। हालांकि अब यहां का प्रभार मेडम के पास है।
– प्रभाकर गवई, पूर्व प्रभारी शाखा प्रबंधक