कांग्रेस जिलाध्यक्ष गुजराती ने सांसद-विधायक पर साधा निशाना, बोले- जमीनी हकीकत पहचानों

सीहोर। बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग द्वारा अवैध रूप से संचालित क्लीनिकों और ‘झोलाछाप डॉक्टरों’ पर की गई छापामार कार्रवाई को लेकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजीव गुजराती ने सांसद आलोक शर्मा, विधायक सुदेश राय पर निशाना साधा है। जिलाध्यक्ष गुजराती ने स्वास्थ्य विभाग की जमीनी हकीकत को पहचानते हुए जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के ‘फेल’ होने का आरोप लगाया है।
बता देें दो दिन पहले सीहोर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम चरनाल में टीम को ग्रामीणों द्वारा क्लीनिक सील करने से रोके जाने और विवाद की स्थिति बनने पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजीव गुजराती ने वीडियो जारी कर कहा कि युवा मोर्चा के पूर्व पदाधिकारी सुमित गुप्ता और सरपंच प्रतिनिधि नर्मदा प्रसाद साहू स्वास्थ्य विभाग की जमीनी हकीकत को बयां कर रहे हैं। गुजराती ने कहा कि चरनाल का अस्पताल जो करीब दो दर्जन गांवों का केंद्र है, वहां सरकारी अस्पताल में इंजेक्शन तक लगाने की व्यवस्था नहीं है। ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि उनकी पूरी स्वास्थ्य व्यवस्थाए जिन्हें ‘झोलाछाप डॉक्टर’ कहा जा रहा है, उन्हीं के भरोसे हैं।
जमीनी हकीकत को पहचानिए
कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजीव गुजराती ने विधायक सुदेश राय, सांसद आलोक शर्मा और कलेक्टर से निवेदन किया कि वे ‘जमीनी हकीकत को पहचानें’। उन्होंने कहा कि पूरे जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं फेल हैं और ग्रामीणों के बयान इस स्थिति को समझने के लिए पर्याप्त हैं।
स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई
मालूम हो कि बीते दिनों श्यामपुर सीबीएमओ डॉ. नवीन मेहर के नेतृत्व में गठित टीम ने सीहोर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम अहमदपुर में अवैध रूप से संचालित तीन क्लिनिक सील किए और एलोपैथी दवाएं व मेडिकल उपकरण जब्त किए। अहमदपुर में केके विश्वास और पर्वत सिंह दांगी सहायक भगवत साहू द्वारा संचालित क्लीनिक सील किए गए क्योंकि वे वैध डिग्री, क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन या दवाएं देने का कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए।
ग्राम चरनाल में बंगाली डॉक्टर तपन कुमार विश्वास मरीजों का उपचार कर रहे थे। कार्रवाई के दौरान बंगाली डॉक्टर ने ग्रामीणों को बुलाकर टीम को कार्रवाई से रोका और धमकियां दी, जिससे विवाद की स्थिति बनी थी। स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई से ग्राम के लोगों ने विरोध जताया था। ग्रामीणों का कहना था कि आधी रात को भी जब गांव में किसी की तबीयत खराब होती है तो यही डॉक्टर इलाज करते हैं, जबकि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर-नर्स बसों के टाइम के हिसाब से अपडाउन करते हैं। टीका लगाने तक की व्यवस्था चरण में अभी वीडियो में लेन देन की बात भी ग्रामीण कर रही है । इस पर सरकार और प्रशासन को ध्यान देकर आमजन के हित में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करनी चाहिए।

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