
सीहोर। ढोलक की थाप पर, गांधी टोपी लगाए फर्श पर बैठकर कांग्रेस के नेता गांवों में भजन गाते, लोकगीत गुनगुनाते नजर आएंगे। इसे देखकर हैरान मत होइए, ये कोई जगराता या त्योहारों पर गाए जाने वाले गीत या भजन नहीं हैं। ये हैं मप्र कांग्रेस के पदाधिकारियों की वो मंडली… जो 2 अक्टूबर से जिले भर में गांधी चौपाल लगाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और कांग्रेस की विचारधारा को लोगों तक पहुंचाने वाले हैं। यही कांग्रेस की गांधी चौपाल का स्वरूप भी है। उक्त विचार मंगलवार को शहर के बस स्टैंड स्थित जिला कांग्रेस कमेटी में कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. बलवीर तोमर ने कहे। इस मौके पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के द्वारा जिला समन्वयक के रूप में कांग्रेस के जिला कार्यकारी अध्यक्ष नईम नवाब को नियुक्ति करते हुए डॉ. तोमर ने कहे। इस मौके पर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में श्री नवाब को जिला समन्वयक बनाया गया है। शीघ्र ही गांधी चौपाल के जिला प्रभारी के द्वारा टीम का गठन कर कार्यक्रम की प्रतिदिन समीक्षा भी की जाएगी।
इस मौके पर नव नियुक्त जिला समन्वयक श्री नवाब ने बताया कि जिला कांग्रेस की अध्यक्ष डॉ. बलवीर तोमर की अनुशंसा पर मुझे जो जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए आगामी दिनों में ब्लाक समन्वयक, मंडलम, समन्वयक और सेक्टर समन्वयक बनाए जाकर 2 अक्टूबर से गांव-गांव में गांधी चौपाल का आयोजन किया जाएगा। मप्र कांग्रेस प्रदेश भर के गांवों में गांधी चौपाल का आयोजन करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने निर्देशानुसार इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। इस वर्ष गांधी जयंती 2 अक्टूबर 2022 से गांधीजी की पुण्यतिथि 30 जनवरी 2023 तक लगातार चार महीनों में सभी गांवों में गांधी चौपाल लगायी जायेगी। इन चौपालों के आयोजन के लिए मण्डलम, सेक्टर एवं बूथ के पदाधिकारी एवं सदस्य ग्रामीण अंचल में स्थान निर्धारित कर करेंगे।
उन्होंने बताया कि गांधी चौपाल का प्रस्तावित दैनिक कार्यक्रम निम्नानुसार निर्धारत किया गया है, जिसमें चौपाल प्रात: 10 बजे से 2 बजे तक लगाई जायेगी। कार्यक्रम अनुसार सर्वप्रथम गांधीजी और शास्त्री जी के चित्रों पर माल्यार्पण, वंदे मातरम, भजन कार्यक्रम-रामधुन, वैष्णजन तो तैने कहिये व अन्य भजन मंडली द्वारा विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक भजन (उस क्षेत्र के सामाजिक भजनों का भी गायन जैसे आदिवासी क्षेत्र, मालवा, बुंदेलखंण्ड, बघेलखण्ड के परम्परागत भजन), नुक्कड़, नाटकों एवं लघु नाटकों का आयोजन, देश भक्ति एवं स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित लघु फिल्मों का प्रदर्शन, कांग्रेस के नेतृत्व में हुए स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास पर चर्चा, वर्तमान राजनैतिक स्थिति पर चर्चा, खेती बाड़ी, पेयजल एवं सिंचाई के साधन, गांव की साफ-सफाई, स्वास्थ्य एवं शिक्षा की समस्याओं आदि पर चर्चा, सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने पर चर्चा के साथ-साथ गांवों के धार्मिक स्थानों पर पूजन-पाठ आदि कार्यक्रम किये जायेंगे। चौपाल कार्यक्रम दरी एवं चादर बिछाकर नीचे बैठकर सादगी से किया जाएगा, वरिष्ठ ग्रामीणों के लिए कुर्सी लगाई जा सकती है। किसी भी व्यक्ति का हार-फूल से स्वागत करना, या नारे लगाना प्रतिबंधित रहेगा। उन्होंने बताया कि चार महीने तक विभिन्न ग्रामों में चलाए जाने वाली गांधी चौपाल के आयोजन के लिए जिलाध्यक्ष डॉ. तोमर सहित अन्य पदाधिकारियों की सहमति से शीघ्र ही आगामी दिनों में ब्लाक स्तर पर टीम बनाए जाएगी।