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संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल स्थगित, सरकार को दिया एक महीने का अल्टीमेटम

- गुरुवार को 2018 की नीति का मिला लिखित आश्वासन

सीहोर। नियमितीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर अनिश्चिकालीन हड़ताल कर रहे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने फिलहाल एक माह के लिए अपनी हड़ताल को स्थगित कर दिया है। दरअसल गुरुवार को नियमित कर्मियों के 90 प्रतिशत वेतन के समकक्ष का लिखित आश्वासन मिलने के बाद संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी हड़ताल एक माह के लिए स्थगित कर दी है। सभी का इपीएफ काटे जाने, ईएल की स्वीकृति संख्या अधिकतम एक माह किए जाने, हड़ताल अवधि का वेतन नहीं काटे जाने, करीब 10 लाख रुपए की मेडिकल हेल्थ पालिसी लागू किए जाने के स्वस्थ्य मंत्री, अपर मुख्य सचिव, आयुक्त स्वास्थ्य विभाग व एमडी एनएचएम के आश्वासन पर 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल आदेश पारित होने की एक माह की अवधि तक के लिए स्थगित की गई है। हड़ताल विगत 15 दिसंबर से चल रही थी। इसमें पूरे जिले के सभी ब्लाकों के करीब 950 से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे थे, लेकिन गुरुवार को लिखित आश्वासन के बाद हड़ताल स्थगित कर दी है।
पिछले 22 दिनों से जारी प्रदेश के 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल आखिरकार स्थगित हो गई है। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी और एसीएस स्वास्थ्य से मिले आश्वासन के बाद हड़ताल स्थगित करने का ऐलान किया। कर्मचारी भी काम पर लौट आए हैं। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सरकार को मांग पूरी करने के लिए एक महीने का अल्टीमेटम दिया है। मांग पूरी नहीं होने पर फिर से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। प्रमुख मांगों में नियमतिकरण और बाहर किए गए कर्मचारियों को बहाल करना शामिल था।
बुरी तरह प्रभावित रही स्वास्थ्य सुविधाएं-
हड़ताल के दौरान अलग-अलग जिलों में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी विरोध कर रहे थे। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं पर भी विपरीत असर पड़ रहा था। हड़ताली संविदा स्वाथ्य कर्मचारी रोजाना नए-नए तरीके से प्रदर्शन कर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे थे। सरकार भी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल खत्म कराने के प्रयास में थी। विपक्षी पार्टी कांग्रेस का संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को समर्थन मिलने से सरकार पर दबाव बढ़ गया था। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों से वादा भी किया था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर नियमतीकरण की मांग पूरी की जाएगी। हर रोज बड़े पैमाने पर कर्मचारियों के समर्थन में जिले के अनेक कर्मचारी संगठनों के अलावा पूरे जिले के सामाजिक संगठन और राजनैतिक दलों का हड़तालरत कर्मचारियों को समर्थन मिल रहा था।

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