ठेकेदार की मनमानी, सार्वजनिक हैंडपंप को निकालकर बोर में लगा दी मोटर, लोग पानी को तरसे

आंवलीघाट में मेसर्स आरबी कांट्रेक्टर द्वारा किया जा रहा है काम

रेहटी। रेहटी तहसील के आंवलीघाट नर्मदा तट पर कार्य कर रहे आरबी कांट्रेक्टर द्वारा जहां घटिया स्तर का निर्माण कार्य किया जा रहा है तो वहीं ठेकेदार ने सार्वजनिक हैंडपंप को निकालकर उसके बोर में मोटर डाल दी। अब यहां आने वाले लोगों को पीने के लिए पानी भी नहीं मिल पा रहा है। लोग पानी को तरस रहे हैं।
दरअसल आंवलीघाट नर्मदा तट पर शिव मंदिर के पास 50 लाख रूपए की लागत से सामुदायिक जनसुविधा कार्य के तहत निर्माण चल रहा है। यह निर्माण कार्य मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन निगम द्वारा कराया जा रहा है, जिसका ठेका मेसर्स आरबी कांट्रेक्टर को दिया गया है। इस कार्य की अवधि तीन माह है, लेकिन तीन माह से अधिक समय कार्य शुरू हुए हो गए हैं। अब ठेकेदार ने यहां पर एक सार्वजनिक हैंडपंप को निकालकर उसके बोर में ही अपने कार्य के लिए मोटर डाल दी है। इसके कारण यहां पर लोग परेशान हो रहे हैं। इसी बोर के पास में एक पंचायत का बोर भी है, लेकिन पंचायत द्वारा इसका उपयोग करने की अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद ठेकेदार द्वारा पीएचई विभाग की मिलीभगत से हैंडपंप ही निकाल दिया गया।
पंचायत से भी नहीं ली अनुमति-
यहां कार्य कर रहे आरबी कांट्रेक्टर द्वारा पंचायत से भी अनुमति नहीं ली गई है। बताया जा रहा है कि यह हैंडपंप एक दानदाता द्वारा लोगों को पीने के पानी के लिए लगवाया गया है। लोग इस हैंडपंप से पानी पीते हैं। ठेकेदार द्वारा बिना पंचायत के अनुमति के ही हैंडपंप निकाल दिया गया और बोर में खुद की मोटर डालकर पानी का उपयोग चल रहे निर्माण कार्य के लिए किया जा रहा है। ऐसे में यहां आने वाले लोगों को अब हैंडपंप से पानी ही नहीं मिल पा रहा है।
जिम्मेदारों ने नहीं उठाया फोन-
इस संबंध में चर्चा करने के लिए पीएचई विभाग के उपयंत्री से चर्चा करनी चाही तो उन्होंने मोबाइल ही रिसीव नहीं किया। आंवलीघाट ग्राम पंचायत के सचिव प्रकाश दायमा ने बताया कि आंवलीघाट पर सामुदायिक जनसुविधा कार्य के तहत निर्माण कार्य चल रहा है। हैंडपंप निकालकर बोर में मोटर लगाने की अनुमति पंचायत से नहीं ली गई। वहीं यहां कार्य कर रहे ठेकेदार सोहिल खान ने बताया कि हैंडपंप वापस लगा दिया गया है, लेकिन जब मौके पर जाकर स्थिति देखी तो हैंडपंप नहीं लगा हुआ था। बोर में मोटर ही लगी हुई थी। ठेकेदार भी गुमराह करके यहां पर कार्य कर रहे हैं।