
सीहोर। भगवान शिव को अति प्रिय सावन माह में भक्ति भाव का सिलसिला निरंतर जारी है। जहां भक्त अपने भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग तरीकों से आराधना करते नजर आ रहे हैं। सावन माह में भगवान शिव के पूजन-अर्चन का विशेष महत्व होता है, तो वहीं सावन माह में आने वाली महाशिवरात्रि पर इस बार कई संयोग बने। यही कारण रहा कि, भक्तों ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी आराधना की। इस दौरान जहां शिव मंदिरों में अलग-अलग तरह के अनुष्ठान किए गए, तो वहीं पंडित प्रदीप मिश्रा के आह्वान पर घरों में रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया। इस दौरान देश और दुनिया के करोड़ों घरों में रुद्राभिषेक किया गया। जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर परिसर में भी सुबह से देर रात्रि तक बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की।
विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि राजस्थान के अलवर में श्रावण शिवरात्रि अभिषेक का सीधा प्रसारण पूरे विश्व में एक साथ किया गया। पंडित श्री मिश्रा के आह्वान पर हुए रुद्राभिषेक को लेकर भक्तों में काफी उत्साह नजर आ रहा था। जहां भक्त इस धार्मिक अनुष्ठान को करने के लिए उत्सुक दिखाई दे रहे थे। रात्रि नौ बजे शुरू हुआ यह रुद्राभिषेक को लेकर प्रदेश ही नहीं अन्य महानगरों में धूतरा, गुलाब के फूल आदि पूजन सामग्री का स्टाक भी खत्म हो गया। इस दौरान लोगों ने टीवी और मोबाइल के माध्यम से पूजन देखकर अपने-अपने घरों में रुद्राभिषेक किया। यह चौथा अवसर पर जब इतनी बड़ी संख्या में एक साथ लोगों ने अपने-अपने घरों में किसी धार्मिक अनुष्ठान को किया है। सावन माह की शिवरात्रि पर आयोजित हुए इस धार्मिक अनुष्ठान को करने के लिए भक्तों में खासा उत्साह देखा जा रहा था। यही कारण रहा कि, कथा वाचक प्रदीप मिश्रा के आह्वान पर संपन्न हुए धार्मिक अनुष्ठान ने एक नया रिकॉर्ड कायम कर दिया। सोशल मीडिया पर चली जानकारी के अनुसार लगभग देश और दुनिया के करीब 60 करोड़ लोगों ने अपने घरों में रुद्राभिषेक किया, जो अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है। इससे पहले भी पंडित श्री मिश्रा इस तरह के धार्मिक अनुष्ठान करा चुके हैं। रुद्राभिषेक के लिए भक्तों ने सुबह से ही तैयारियां शुरू कर दी थी, जहां इस धार्मिक अनुष्ठान के लिए पूजन सामग्री लेने श्रद्धालु बाजारों में पहुंचे, तो वहीं पार्थिव शिवलिंग का निर्माण भी किया। रात्रि नौ बजे शुरू हुए रुद्राभिषेक में विधिवत रूप से भगवान शिव का पूजन-अर्चन किया गया। रुद्राभिषेक पूजन के पश्चात आरती के साथ संपन्न हुआ।