Newsआष्टाइछावरजावरनसरुल्लागंजबुदनीमध्य प्रदेशरेहटीविशेषसीहोर

बुधनी स्थित सिविल अस्पताल में करोड़ों रुपए खर्च, इसके बाद भी व्यवस्थाएं बदहाल, मरीज परेशान

- भव्य बिल्डिंग बन गई, लेकिन अस्पताल में स्टॉफ का टोटा, डॉक्टर भी पर्याप्त नहीं

बुधनी। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी स्वास्थ्य सेवाएं नाकाफी साबित हो रही हैं। हालात इस कदर खराब है कि एमरजेंसी में आए मरीजों को अटेंड करने वाले तक नहीं हैं। यह स्थिति केंद्रीय कृषि मंत्री एवं क्षेत्रीय सांसद शिवराज सिंह चौहान के गृह क्षेत्र बुधनी मुख्यालय पर बने 20 करोड रुपए से भी अधिक की लागत के सिविल अस्पताल की है। यहां पर भव्य बिल्डिंग बना दी गई है, लेकिन व्यवस्थाएं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से भी बदत्तर हैं। अस्पताल में मरीजों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहती हैं। घटना-दुर्घटना में घायल होने वाले मरीजों को आकस्मिक उपचार की अवस्था में यहां से नर्मदापुरम या राजधानी भोपाल ले जाना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला सोमवार को अस्पताल में देखने को मिला। यहां पर गंभीर अवस्था में मरीज को लाया गया, लेकिन उसे अटेंड करने वाला कोई नहीं मिला। उल्लेखनीय है की बुधनी में सामुदायिक स्तर का स्वास्थ्य केंद्र था, जिसे अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की घोषणा के अनुसार सिविल अस्पताल का दर्जा दिया गया है। इसकी बिल्डिंग बनाने और व्यवस्थाओं पर लगभग 20 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए हैं।
डॉक्टरों का बना हुआ है टोटा –
बुधनी स्थित सिविल अस्पताल में डॉक्टरों का टोटा है। ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के डॉक्टरों से काम चलाया जा रहा है। तीन डॉक्टर 24-24 घंटे की सेवाएं दे रहे हैं। गंभीर अवस्था में अस्पताल लाए गए मरीजों को एम्बुलेंस से उतारने के लिए कर्मचारी नहीं है। गत दिवस वर्धमान फैब्रिक्स से गंभीर हालत में लाई गई युवती एम्बुलेंस में तड़पती रही, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई भी उसे उठाने नहीं आया। साथ में आई अटेंडर ने अस्पताल प्रबंधन को भला बुरा कहा और हालत खराब होने पर एम्बुलेंस को वापस ले जाया गया। बताया जाता है कि यहां पर चार वार्ड बॉय मौजूद हैं। ग्राम जोशीपुर से आए प्रीतम सिंह ने बताया कि उन्हें पैर में चोट लगी थी इलाज तो हुआ, लेकिन इंजेक्शन की बात आई तो बताया गया कि मेडिकल स्टोर से लेकर आना पड़ेगा। इंजेक्शन अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। बताया जाता है कि सिविल अस्पताल में आठ डॉक्टर और चार मेडिकल ऑफिसर की आवश्यकता होती है, लेकिन यहां तो तीन ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के डॉक्टरों से ही 24-24 घंटे काम चलाया जा रहा है।

इनका कहना है-
सिविल अस्पताल में व्यवस्थाएं नहीं होने के कारण यहां काफी समस्याएं आ रही हैं। अस्पताल में स्टॉफ की कमी के चलते ग्रामीण क्षेत्र के तीन डॉक्टरों से काम चलाया जा रहा है। उक्त समस्या से लेकर उच्च अधिकारियों को पत्र व्यवहार किया गया है।
– डॉ.रामहित कुमार, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, बुधनी

बुधनी विधानसभा की स्वास्थ्य सुविधाएं खुद ही वेंटीलेटर पर है। यहां पर अस्पतालों में न तो आधुनिक मशीनें हैं और न ही डॉक्टर हैं। सभी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है। इसके कारण यहां से मरीजों को भोपाल, नर्मदापुरम के लिए रेफर कर दिया जाता है। इमरजेंसी की कोई सुविधाएं नहीं हैं। इस तरह सरकार एवं क्षेत्रीय सांसद को ध्यान देना चाहिए।
– विक्रम मस्ताल शर्मा हनुमानजी, कांग्रेस नेता, बुधनी विधानसभा

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button