सीहोर। प्रसिद्ध संत एवं चार वर्षों से अधिक समय से बिना अन्न ग्रहण किए लगातार नर्मदा परिक्रमा कर रहे दादागुरू इस बार सिर्फ हवा के सहारे नर्मदा परिम्रमा कर रहे हैं। वे चौथी बार पैदल नर्मदा परिक्रमा पर निकले हैं। इससे पहले तीन बार नर्मदा परिक्रमा कर चुके हैं, इस दौरान उन्होंने सिर्फ नर्मदा का जल ग्रहण किया और इस बार सिर्फ हवा के सहारे नर्मदा परिक्रमा कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि अब दादागुरू को लेकर अमेरिका ने भी केंद्र सरकार को पत्र लिखकर उन पर रिसर्च की इच्छा जताई है। इस संबंध में पत्र-व्यवहार किया जा रहा है। दादागुरू ने इस बार ओंकारेश्वर से नर्मदा परिक्रमा की शुरूआत की। इसी कड़ी में उनकी परिक्रमा सीहोर जिले की रेहटी तहसील के प्रसिद्ध नर्मदा तट आंवलीघाट पर पहुंची। यहां पर उनकी भव्य अगवानी की गई। इससे पहले सुबह उनकी यात्रा का जत्था भैरूंदा तहसील के नीलकंठ नर्मदा तट से रवाना होकर छिंदगांव, डिमावर, बाबरी, मरदानपुर सहित अन्य स्थानों से होते हुए आंवलीघाट पहुंचा। रास्तेभर लोगों ने यात्रा पर फूल बरसाए एवं दादागुरू से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान आंवलीघाट पर भजन संध्या के साथ में महाआरती का आयोजन किया गया।
नदी के रूप में मिली साक्षात भगवती: दादागुरू
महाआरती के साथ हुआ प्रसादी वितरण-
भीषण ठंड में भी सिर्फ तन पर एक कपड़ा –
इस समय प्रदेशभर में सर्दी का भयानक प्रकोप है। इतनी भीषण ठंड में भी दादागुरू के तन पर सिर्फ एक कपड़ा है। वे सिर्फ लंगोट लगाकर पूरे समय यात्रा कर रहे हैं। रात्रि में भी उनके तन पर कोई कपड़ा नहीं रहता। उनकी इन शक्तियों को लेकर अब अमेरिका ने भी दादागुरू पर रिसर्च की इच्छा जताई है। देश में उन पर रिसर्च हो रही है।