एमपी पर 29 हजार करोड़ का कर्ज, फिर भी लगातार हो रही घोषणाओं, अब कमलनाथ ने कर दिया ये ऐलान

- पीसीसी चीफ कमलनाथ ने किसानोें के हितों से जुड़ी पांच घोषणाएं की, जिनमें पांच हार्सपॉवर कनेक्शन निःशुल्क, किसानों का कर्जमाफ, मुकदमे वापसी, बिजली बिल माफ प्रमुख हैं

भोपाल। मध्यप्रदेश के उपर 29 हजार करोड़ का कर्ज पहले से ही है। वर्तमान सरकार लगातार कर्जा ले रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी लगातार अपनी सभाओं में कई घोषणाएं कर रहे हैं तोे वहीं अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी ऐलान कर दिया है कि कांग्रेस सरकार आने पर प्रदेश में कृषक न्याय योजना लागू की जाएगी। इसके अलावा किसानों को सिंचाई के लिए 5 हॉर्स पावर तक के स्थायी एवं अस्थायी पंप पर बिजली निःशुल्क दी जाएगी। प्रदेश के किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। किसानों पर लगाए गए अन्यायपूर्ण मुकदमे वापस लिए जाएंगे और किसानों के कृषि उपयोग के पुरानी बिजली बिल की बकाया राशि माफ की जाएगी। किसानों को 12 घंटे पर्याप्त एवं निर्बाध बिजली उपलब्ध कराई जाएगी औैर पहले घर-आंगन का, अब खेत-खलिहान का बिजली बिल माफ करके किसान का पुराना बिल माफ किया जाएगा।
मध्यप्रदेश में होेने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा-कांग्रेस में घोषणाएं करने की होड़ लगी हुई है। भाजपा एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौैहान फिर से सत्ता में आना चाहते हैं तोे वहीं कमलनाथ भी प्रदेश में सरकार बनाकर सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं। दोनोें दल सरकार बनानेे के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोेड़ रहे हैं। यही कारण हैै कि जहां मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहना योजना की शुरूआत करके अपने पक्ष में माहौल बनाया तोे वहीं कमलनाथ ने भी नारी सम्मान योजना की घोेषणा कर डाली। कांग्रेस द्वारा कर्जमाफी का वादा करनेे के बाद कर्जमाफी नहीं करनेे केे मामले को भी भाजपा ने भुनातेे हुए किसानों का ब्याज माफ कर दिया। दो लाख रूपए तक के ब्याज माफ किए गए हैं। ये राशि भी डाल दी गई है तोे अब पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भी किसानों से जुड़ी हुई पांच घोषणाएं करके माहौल अपनेे पक्ष मेें बनानेे की कोशिश की है।
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने की ये घोषणाएं-
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने पर प्रदेश के किसानों के कल्याण के लिए कांग्रेस पार्टी कृषक न्याय योजना लेकर आएगी। योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए पांच हॉर्स पॉवर तक के स्थायी एवं अस्थायी पंप पर निःशुल्क बिजली प्रदान की जाएगी। किसान कर्ज के बोझ से मुक्त हो और सम्मान के साथ सिर पर पगड़ी धारण कर सके, इसके लिए किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। भाजपा सरकार में अत्याचार का विरोध करने पर किसानों के ऊपर अन्याय पूर्ण मुकदमे डाले गए हैं। दमनकारी कृषि कानूनों का विरोध करने, कथित विद्युत चोरी, उपज के विक्रय एवं खाद की कमी के कारण किसान आंदोलन में जिन किसानों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं, उनकी समीक्षा कर यह मुकदमे वापस लिए जाएंगे। किसानों के कृषि उपयोग के पुराने बिजली बिल की बकाया राशि माफ की जाएगी। किसानों को 12 घंटे पर्याप्त और निर्बाध बिजली उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने कहा कि बिजली की कमी, खराब ट्रांसफार्मर्स को बदलने, बिजली चोरी के झूठे आरोप और दमन के खिलाफ आवाज उठाने वाले किसानों के विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामलों को भी वापस लेंगे। प्रदेश का किसान और आमजन महंगे बिजली बिल की वसूली और भारी बिजली कटौती से त्रस्त है। प्रदेश के गांवों में 10-10 घंटे अघोषित बिजली कटौती हो रही है। कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था और समाज-व्यवस्था खेती पर टिकी है, जिसका आधार स्तंभ हमारे किसान भाई हैं, लेकिन किसान भाइयों का सम्मान करने के बजाय भाजपा सरकार ने 18 साल में किसानों के साथ अन्याय किया है। किसानों को एमएसपी पर दिया जाने वाला बोनस बंद कर दिया है। कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसानों की कर्ज माफी शुरू की थी और पहले चरण में 27 लाख किसानों का कर्ज माफ कर दिया गया था, लेकिन प्रदेश में सौदेबाजी से बनी भाजपा सरकार ने किसान कर्जमाफी समाप्त कर किसानों को एक बार फिर से कर्ज के दलदल में धकेल दिया। नतीजा यह हुआ कि प्रदेश के 38 लाख किसान डिफाल्टर हो गए। उन्होंने कहा कि किसानों को बाढ़, अतिवृष्टि और ओलावृष्टि सहित कई तरह की प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान का मुआवजा भी शिवराज सरकार ने सही समय पर नहीं दिया है। इन हालात को बदलने के लिए कांग्रेस पार्टी कृत संकल्पित है। हम किसानों को मुफ्त बिजली देंगे, हम किसानों का कर्ज माफ करेंगे, हम किसानों को सही समय पर और सही मूल्य पर खाद और बीज उपलब्ध कराएंगे। उन्हें न्यायोचित न्यूनतम समर्थन मूल्य समय पर उपलब्ध कराएंगे। इस तरह कांग्रेस सरकार मध्यप्रदेश के किसान को मुसीबत से खुशहाली की तरफ ले जाएगी और मध्य प्रदेश के किसान की आमदनी देश के समृद्ध राज्यों के किसानों से मुकाबला करेगी।
29 हजार करोड़ का कर्ज, कैसे पूरी होंगी घोषणाएं-
मध्यप्रदेश पर वर्तमान में 29 हजार करोड़ रूपए का कर्ज है औैर लगातार घोषणाएं होे रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि भाजपा औैर कांग्रेस द्वारा जो घोेषणाएं की जा रही हैं, इन घोेषणाओं को कैसे पूरा किया जाएगा। क्या घोषणाएं पूरी होंगी तो मध्यप्रदेश में आम जनता पर और भी टैक्स थोेपे जाएंगे। शिवराज सरकार ने पिछले दिनों एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से लोन लिया है। चुनाव से पहले सरकार की ओर से मांगे गए 4000 करोड़ के लोन को मंजूरी मिल गई है। साल 2023 के अब तक मध्य प्रदेश सरकार 29 हजार करोड़ रुपए का लोन ले चुकी है। साल 2023 के सात महीने बीतने को है। इन महीनों में शिवराज सरकार ने अब तक 11 बार लोन ले लिया है और 29 हजार करोड़ के कर्जे में डूब गई है। हाल ही में एमपी सरकार ने आरबीआई से 4 हजार करोड़ का लोन लिया है, जिसके बाद शिवराज सरकार पर कर्जा बढ़कर 29 हजार करोड़ रुपए हो गया है। सरकार ने ये कर्ज 11 साल के लिए लिया है।