देवीलोक महोत्सव : आयोजन को लेकर तैयारियां, बैठक में नहीं पहुंचने वाले सचिवों का कटेगा वेतन
सीहोर। देवीधाम सलकनपुर में 29 से 31 मई तक तीन दिवसीय देवीलोक महोत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान सलकनपुर में अनेक सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रम तथा विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। देवीलोक महोत्सव में अधिक से अधिक नागरिक शामिल हो सके, इसके लिए आष्टा विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय एवं जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी ने बैठक आयोजित की। सीहोर तथा आष्टा में आयोजित बैठक में समस्त ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव और पटवारियों ने देवीलोक महोत्सव मे बढ़-चढ़कर भागीदारी करने के संकल्प लिया। सीईओ श्री तिवारी ने सभी ग्राम पंचायत से नागरिकों को देवीलोक महोत्सव में शामिल करने के लिए आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के अधिकारियों को निर्देश दिए। इस दौरान आष्टा विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय तथा जनपद अध्यक्ष दीक्षा सोनू गूणवान ने सभी नागरिकों देवीलोक महोत्सव में शामिल होने की अपील की। बैठक के पश्चात जिला पंचायत सीईओ श्री तिवारी ने जनसेवा अभियान, लाडली बहना योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन तथा मनरेगा के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अनुपस्थित सचिवों का वेतन काटने एवं उन्हें कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के निर्देश जनपद सीईओ को दिए। बैठक में आष्टा एसडीएम आनंद राजावत, सीहोर एसडीएम अमन मिश्रा, जनपद सीईओ अमित व्यास सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
देवी लोक महोत्सव के प्रचार के लिए भ्रमण कर रहा रथ-
देवीलोक महोत्सव में अधिक से अधिक लोग शामिल हो सके, इसके लिए देवी विजयासन की चरण पादुका स्थापित किए गए रथ बुधनी विधानसभा में भ्रमण कर रहे हैं। प्रचार रथ के माध्यम से 20 मई को बुधनी जनपद के ग्राम खैरीसिलगेना, आमोन, सागपुर, बायां, नीनोर, जहाजपुरा एवं भैरूंदा जनपद के झाली, सेवनिया, भिलाई, सिराली तथा मोगराखेड़ा में नागरिकों को देवीलोक महोत्सव की जानकारी दी गई। देवी लोक महोत्सव के प्रचार रथ के गांव में पहुंचने पर नागरिकों द्वारा रथ में स्थापित देवी विजयासन की चरण पादुका की पूजा-अर्चना की गई। प्रचार रथ के माध्यम से लोगों को देवी लोक महोत्सव की जानकारी दी जा रही है। इस दौरान देवी लोक के निर्माण के लिए प्रत्येक घर से एक शिला (ईंट) भेंट कर रहे हैं। देवी लोक महोत्सव के पूर्व अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में ढोल-नगाढ़ो के साथ देवी विजयासन की कलश एवं चुनरी यात्रा निकाली जा रही है। इस दौरान महिलाओं के साथ ही नन्हीं-नन्हीं बालिकाएं भी सर पर कलश रखकर एवं देवी की विशाल चुनरी हाथो में लेकर यात्रा में शामिल हुईं।